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मथुरा 10 दिसंबर । जिस बच्ची अमायरा की शल्य क्रिया दिल्ली के हॉस्पिटल में नहीं हो सकी उसी तीन चरणों के काम को के.डी. मेडिकल कॉलेज-हॉस्पिटल एण्ड रिसर्च सेण्टर के जाने-माने शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने एक ही चरण में अंजाम देकर उसे नवजीवन दिया है। जन्मजात विकृति से परेशान अमायरा अब पूरी तरह से स्वस्थ है तथा उसे छुट्टी दे दी गई है।

जानकारी के अनुसार कोई 14 माह पहले मेवात, नूंह (हरियाणा) निवासी शाहरुख के घर पुत्री ने जन्म लिया। जन्म से ही बच्ची के मलद्वार यथास्थान नहीं था, इससे वह परेशान थी। बच्ची की जन्मजात विकृति से परेशान शाहरुख उसे लेकर कलावती सरन बाल अस्पताल, नई दिल्ली पहुंचा। वहां चिकित्सकों ने परामर्श दिया कि जब बच्ची का वजन 10 किलोग्राम हो जाएगा तब उसकी सर्जरी होगी। दिल्ली के चिकित्सकों के परामर्श से संतुष्ट न होने पर शाहरुख बच्ची को लेकर के.डी. हॉस्पिटल आया तथा शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा से मिला।

डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने बच्ची को देखने के साथ ही उसकी पहले की सारी रिपोर्ट देखीं। दरअसल, बच्ची का मलद्वार यथास्थान नहीं था तथा वह योनिमार्ग से मल त्याग रही थी। चिकित्सक इस बच्ची का ऑपरेशन तीन चरणों में करना चाहते थे लेकिन डॉ. शर्मा ने बच्ची की रक्त जांच तथा एक्सरे कराने के बाद उसके ऑपरेशन को एक ही चरण में करने का निर्णय लिया। आवश्यक तैयारी एवं खून की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए शिशु शल्य विशेषज्ञ डॉ. श्याम बिहारी शर्मा ने 29 नवम्बर, 2024 को बच्ची की सर्जरी की।

इस सर्जरी में गुदा (रैक्टम) को योनिमार्ग से अलग कर यथास्थान मलद्वार बनाया गया। जन्मजात विकृति का नाम रैक्टोवेस्टीबूलर फिस्टुला तथा ऑपरेशन को एंटीरियर सैजाइटल एनोरेक्टोप्लास्टी कहते हैं। इस सर्जरी में डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का सहयोग डॉ. अनुराग (रेजीडेंट चिकित्सक), डॉ. जयेश, डॉ. शिवांगी (निश्चेतना विभाग) तथा टेक्नीशियन रवि सैनी ने दिया। ऐसे ऑपरेशन में निश्चेतना विभाग के चिकित्सक की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होती है, इस बच्ची के मामले में डॉ. शिवांगी ने इस भूमिका का अच्छी तरह से निर्वहन किया।

बच्ची अब पूरी तरह से स्वस्थ है तथा मल-मूत्र की सारी क्रियाएं सामान्य रूप से यथास्थान से कर रही है। बच्ची के पूरी तरह से स्वस्थ होने पर शाहरुख ने डॉ. श्याम बिहारी शर्मा और के.डी. हॉस्पिटल प्रबंधन का आभार माना। इस सर्जरी पर डॉ. श्याम बिहारी शर्मा का कहना है कि ऐसे बहुत कम मामले सामने आते हैं। हजारों बच्चों में एकाध को इस तरह की परेशानी होती है, जिसका एकमात्र समाधान सर्जरी ही है। डॉ. शर्मा का कहना है कि के.डी. हॉस्पिटल में आधुनिकतम सुविधाएं तथा विशेषज्ञ चिकित्सक और टेक्नीशियन होने से मुश्किल से मुश्किल ऑपरेशन सहजता से हो पाते हैं।

आर.के. एज्यूकेशनल ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. रामकिशोर अग्रवाल, प्रबंध निदेशक मनोज अग्रवाल, डीन और प्राचार्य डॉ. आर.के. अशोका, चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार ने बच्ची की सफल सर्जरी के लिए डॉ. श्याम बिहारी शर्मा तथा उनकी टीम को बधाई दी।

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