सादाबाद 28 अक्टूबर । क्षेत्र के गांव कुकटई में गुरुवार को श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान कथा वाचक द्वारा राजा बलि एवं वामन अवतार की कथा का सुंदर वर्णन किया। इस दौरान वामन अवतार की झांकी प्रस्तुत की गई। वामन अवतार की पूजा अर्चना कर उन्हें तिलक किया गया। गांव कुकटई में श्यामवीर सिंह के संयोजन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में भागवत आचार्य नरेश चंद्र शास्त्री द्वारा कथा का वर्णन करते हुए कहा कि वामन देव भगवान विष्णु के अवतार हैं। असुरों के राजा बलि ने देवताओं को युद्ध में पराजित कर दिया था और स्वर्ग अपने कब्जे में ले लिया था।बलि की वजह से सभी देवता बहुत दुखी थे। दुखी देवता अपनी माता अदिति के पास पहुंचे और अपनी समस्या बताई। इसके बाद अदिति ने पति कश्यप ऋषि के कहने पर एक व्रत किया, जिसके शुभ फल से भगवान विष्णु ने वामन देव के रूप में जन्म लिया।वामन देव ने छोटी उम्र में ही दैत्यराज बलि को पराजित कर दिया था। बलि अहंकारी था, उसे लगता था कि वह सबसे बड़ा दानी है। विष्णु जी वामन देव के रूप में उसके पास पहुंचे और दान में तीन पग धरती मांगी। अहंकार बलि ने सोचा कि ये तो छोटा सा काम है। मेरा तो पूरी धरती पर अधिकार है, मैं इसे तीन पग भूमि दान कर देता हूं। बलि वामन देव को तीन पग भूमि दान देने के लिए संकल्प कर रहे थे, उस समय शुक्राचार्य ने उसे रोकने की कोशिश की। दरअसल, शुक्राचार्य जान गए थे कि वामन के रूप में स्वयं भगवान विष्णु हैं।शुक्राचार्य ने बलि को समझाया कि ये छोटा बच्चा नहीं है, ये स्वयं विष्णु हैं, ये तुम्हें ठगने आए हैं। तुम इन्हें दान मत दो।ये बात सुनकर बलि बोला कि अगर ये भगवान हैं और मेरे द्वार पर दान मांगने आए हैं तो भी मैं इन्हें मना नहीं कर सकता हूं।ऐसा कहकर बलि ने हाथ में जल का कमंडल लिया तो शुक्राचार्य छोटा रूप धारण करके कमंडल की दंडी में जाकर बैठ गए, ताकि कमंडल से पानी ही बाहर न निकले और राजा बलि संकल्प न ले सके।वामन देव शुक्राचार्य की योजना समझ गए। उन्होंने तुरंत ही एक पतली लकड़ी ली और कमंडल की दंडी में डाल दी, जिससे अंदर बैठे शुक्राचार्य की एक आंख फूट गई और वे तुरंत ही कमंडल से बाहर आ गए। इसके बाद राजा बलि ने वामन देव को तीन पग भूमि दान करने का संकल्प ले लिया। राजा के संकल्प लेने के बाद वामन देव ने अपना आकार बड़ा कर एक पग में पृथ्वी और दूसरे पग में स्वर्ग नाप लिया। इसके बाद उन्होंने राजा से कहा कि अब मैं तीसरा पग कहां रखूं? ये सुनकर राजा बलि का अहंकार टूट गया।तब बलि ने कहा कि तीसरा पग आप मेरे सिर पर रख सकते हैं। बलि की दान वीरता देखकर वामन देव प्रसन्न हुए और उसे पाताल लोक का राजा बना दिया।
About Author
Ayog Deepak
Ayog Deepak is an Indian journalist and businessperson who is the chairman and Editor-in-chief of Hamara Hathras News.
Check latest article from this author !
कक्षा चार से आठ तक के विद्यार्थियों की निपुण परीक्षा का आयोजन
November 28, 2024
हसायन : डीएपी लेने के लिए क्षेत्रीय सहकारी समिति पर उमडी किसानों की भीड
November 28, 2024
Related Posts
Recent Posts
डीआरबी के मैदान पर चल रही डिस्ट्रिक्ट
November 28, 2024
कक्षा चार से आठ तक के विद्यार्थियों
November 28, 2024
हसायन : डीएपी लेने के लिए क्षेत्रीय
November 28, 2024
धरना प्रदर्शन के दौरान रात भर जमे
November 28, 2024
हसायन : मिनी ग्राम पंचायत सचिवालय पर
November 28, 2024
हसायन : रातों-रात बदल गए तकनीकि सहायक
November 28, 2024
सादाबाद : स्कूल में अजगर निकलने से
November 28, 2024
Weather
Hathras
8:56 pm,
Nov 28, 2024
26°C
clear sky
23 %
1013 mb
9 mph
Wind Gust:
9 mph
Clouds:
6%
Visibility:
10 km
Sunrise:
6:39 am
Sunset:
6:20 pm
Weather from OpenWeatherMap