हाथरस (मुरसान) 12 नवम्बर । क्षेत्र के गांव खरगू में एक बच्ची के जन्म से मल निकासी द्वार न होने के कारण बच्ची परेशान हैं। परिजन बच्ची का ऑपरेशन कराने के लिए जगह-जगह सरकारी अस्पतालों में भटक रहे हैं। लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। आर्थिक तंगी होने के कारण परिवार के लोग बच्ची का ऑपरेशन निजी अस्पताल में नहीं कर पा रहे हैं।
गांव खरगू मुरसान के रहने वाले रमेश चंद पुत्र थान सिंह का कहना है कि वह मजदूरी कर परिवार का भरण पोषण करता है। उसकी शादी करीब दो वर्ष पहले हुई है। 26 सितंबर को मुरसान के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर उसकी पत्नी ज्योति के पहली बेटी पैदा हुई थी। जिसका नाम पायल रखा गया है। बेटी पैदा होने के बाद परिवार में काफी खुशी का माहौल था। बच्ची को स्वस्थ बताकर स्टाफ नर्स ने उसकी पत्नी ज्योति व बेटा पायल को घर भेज दिया था। तीन दिन बाद जब मल निकासी द्वार न होने की बात परिजनों को पता चली तो उनके होश उड़ गए और डेढ माह की बेटी पायल को लेकर फिर से मुरसान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच गए। परिजनों की बात सुनकर अस्पताल पर स्टाफ नर्स ने बच्ची के ऑपरेशन कराने को लेकर जिला अस्पताल भेज दिया। जिला अस्पताल से परिवार के लोगों को अलीगढ़ भेज दिया गया। अलीगढ अस्पताल में सुनवाई न होने के कारण परिवार के लोग पायल को लेकर मथुरा पहुंच गये। लेकिन मथुरा से भी उसे अलीगढ भेज दिया गया। परिवार के लोग मुरसान, हाथरस, अलीगढ़, मथुरा सरकारी अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। रमेश का कहना है कि उसकी डेढ माह की बेटी पायल की हालत नाजुक बनी हुई है। उसका मल बाहर न निकलने के कारण उसके पेट में दर्द बना रहता है।