Hamara Hathras

Latest News

नई दिल्ली 04 नवंबर । आयकर विभाग ने बड़े रिफंड के मामलों में सख्त जांच का फैसला किया है। इस वर्ष रिफंड अटकने के आसार हैं, साथ ही बीते वर्षों में गलत तरीके से प्राप्त रिफंड की वसूली भी हो सकती है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस संबंध में नए निर्देश जारी किए हैं। आयकर विभाग ने उन करदाताओं की सूक्ष्म जांच शुरू कर दी है जिनके रिटर्न पिछले आठ वर्षों में स्क्रूटनी के दायरे में आए थे। इसमें ऐसे नौकरीपेशा लोग भी शामिल हैं जिन्होंने सामूहिक रूप से रिटर्न दाखिल किया है। कुछ राज्यों के सरकारी कर्मचारियों द्वारा फर्जी दान रसीदों और खर्चों के मामलों के सामने आने के बाद, आयकर विभाग ने रिफंड के मामलों में सख्ती बरतने का निर्णय लिया। उज्जैन में भी ऐसे गलत रिफंड के मामलों का पता चला था।

आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग

सीबीडीटी ने निर्देश दिए हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग करके संदिग्ध रिटर्न और रिफंड को चिन्हित किया जाएगा। रिटर्न दाखिल करने के बाद कई करदाताओं का रिफंड महीनों से अटका हुआ है, जिसका मुख्य कारण जांच के निर्देश हैं।

रिफंड वसूली की संभावनाएं

आयकर विभाग के पास अधिकार है कि यदि किसी करदाता द्वारा गलत क्लेम पकड़ा जाता है, तो वह पिछले चार वर्षों के रिफंड की वसूली कर सकता है।

गैर पेशेवरों से सावधानी

अधिकतर करदाता गैर पेशेवरों से रिटर्न दाखिल करवा रहे हैं, जो बिना किसी आधिकारिक योग्यता के काम कर रहे हैं। ये लोग अधिक रिफंड दिलाने का लालच देकर करदाताओं को फंसा रहे हैं। ऐसे मामलों में सावधानी बरतने की आवश्यकता है, क्योंकि इसमें छूटें क्लेम करने की संभावना होती है, जिसके लिए वे पात्र नहीं होते।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts

You cannot copy content of this page