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मथुरा 29 अक्टूबर । राजीव एकेडमी फॉर टेक्नोलॉजी एण्ड मैनेजमेंट में मंगलवार को अतिथि वक्ता डॉ. शालिनी खण्डेलवाल (प्रोफेसर-आईबीएस गुरुग्राम) ने एमबीए और एमसीए के छात्र-छात्राओं को करियर निर्माण में स्वयं की जागरूकता तथा आत्मसम्मान को जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि आत्मविश्वास हमारे जीवन के सभी क्षेत्रों को प्रभावित करता है। जब हम आत्मविश्वास का अनुभव करते हैं, तब हम जानते हैं कि हमारे पास लक्ष्य निर्धारित करने तथा उसे प्राप्त करने की क्षमता है। स्वयं की जागरूकता से हम असफलताओं के साथ तालमेल बिठा सकते हैं, गलतियों से सीख सकते हैं तथा जब चीजें योजना के अनुसार नहीं होतीं तब भी आगे बढ़ सकते हैं।

डॉ. शालिनी ने कहा कि आत्मसम्मान वह तरीका है जिससे हम अपने बारे में सोचते हैं और स्वयं को महत्व देते हैं। यदि हम हर समय स्वयं की आलोचना करेंगे तो हमारे अंदर नकारात्मक भाव पैदा होगा। इससे हमारा आत्मसम्मान घटेगा। बुल्डिंग सेल्फ एस्टीम थ्रू सेल्फ अवेयरनेस  विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जीवन में उसका आत्मसम्मान ही उसे जीने की राह दिखाता है। अपने आत्मसम्मान का निर्माण करना तथा सकारात्मक आत्म जागरूकता पैदा करना प्रत्येक व्यक्ति, छात्र-छात्रा का पहला कर्तव्य होना चाहिए।

अतिथि वक्ता ने कहा कि एक मनुष्य के रूप में हम अपनी खुद की ताकत और क्षमताओं का मूल्यांकन कर अपने आत्मसम्मान में इजाफा कर सकते हैं। आप कौन हैं और दुनिया को क्या देना है, इसके साथ शांति से जीवन व्यतीत करना उच्च आत्मसम्मान रखने का एक प्रमुख हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आत्मसम्मान जीवन की एक मीठी खुराक है जिसे हासिल कर लेने के बाद विद्यार्थी का हर क्षेत्र में झण्डा फहरता है। यह चरित्र से सीधा-सीधा जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि यदि आप स्थिर आत्मसम्मान वाले बनेंगे तो कारपोरेट जगत की हर कम्पनी आपको लपकने के लिए तैयार होगी।

आपका आत्मसम्मान आपके निर्णय लेने की प्रक्रिया, आपके रिश्तों, आपके भावनात्मक स्वास्थ्य और आपके समग्र कल्याण को प्रभावित करता है। यह हमारी प्रेरणा को भी प्रभावित करता हैं क्योकि स्वयं के बारे में स्वस्थ सकारात्मक दृष्टिकोण वाले छात्र-छात्रा ही अपनी क्षमता को समझते व पहचानते हैं। इसी के माध्यम से वे नई चुनौतियों का सामना करने को प्रेरित होते हैं।

अतिथि वक्ता ने कहा कि आपका आत्मसम्मान आपकी कमजोरियों से भी प्रभावित हो सकता है। अतः स्वयं की कमजोरियों को दूर करें। आप शारीरिक व मानसिक दोनों स्तरों पर एक्टिव रहें जिससे आपका आत्मसम्मान हमेशा बना रहे। उन्होंने सलाह दी कि कभी भी आत्मनिर्माण की प्रक्रिया में दूसरों की नकल न करें बल्कि आप स्वयं को पहचानें तथा स्वयं का आकलन करते हुए भविष्य निर्माण की तरफ अपने कदम बढ़ाएं, सफलता आपके कदम चूमेगी। अंत में संस्थान के निदेशक डॉ. अमर कुमार सक्सेना ने रिसोर्स परसन डॉ. शालिनी खण्डेलवाल का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया।

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