Hamara Hathras

16/10/2024 7:39 pm

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सासनी 16 अक्टूबर । स्वच्छता ही जीवन है गंदगी जीवन का अभिशाप है। स्वच्छ भारत स्वच्छ भारत की कल्पना को साकार करने के लिए सरकार जितना कृत संकल्प नजर आती है उतना ही प्रशासनिक उदासी एवं शिथिलता उसके आड़े आ जाती है। कस्बा भी है जिसके बाहरी इलाके में बसे नागरिकों का जीवन गंदगी के कारण नरकीय हो गया है। ज्यादातर स्थानों पर कूड़ेदान ही गायब हैं। जहां है तो उनकी स्थिति को फोटो प्रमाणित कर रहा है। टूटे हुए कूड़ा घर के सामने ही गंदगी का अंबार लगा हुआ है यह ऐसे स्थान पर है जहां से हजारों लोग हजार लोगजिन में प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल होते हैं ,गुजरते हैं जिनके स्वास्थ्य पर हमला बोलती यह गंदगी कई लोगों को घातक बीमारी देकर अकाल मृत्यु का शिकार भी बना चुकी है। नगर से गुजरने वाला सासनी नान‌ऊ मार्ग एक ऐसा मार्ग है जिस पर आशा नगर संजय कॉलोनी किशुनपुरी जैसे मोहल्ले स्थित हैं जिसका कुछ भाग नगर पंचायत में और कुछ भाग ग्राम पंचायत में आता है यही कारण है कि इन मुहल्लों की समस्याओं के समाधान का दायित्व ग्राम पंचायत एवं नगरपंचायत एक दूसरे के ऊपर डालकर अपना पल्लू झाड़ लेती हैं। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का भी इसी रास्ते से रोजाना गुजर होता है मगर उन्हें भी इस समस्या के हल करने की फुर्सत तक नहीं है ।और यह समस्या दिन पर दिन सुरसा के मुंह की तरह फैलती जा रही है। और अधिकारियों के सामने अंगद का पैर बनकर खड़ी हो गई है ।इसी समस्या से ग्रस्त लोग पूछते हैं बस एक ही सवाल आखिर इस गंदगी का जहर और कितने दिन अभी पीना पड़ेगा। स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत का सपना कब तक साकार होगा। क्या इस सवाल का उत्तर देने के लिए हमारी सरकार और प्रशासनिक अधिकारी तैयार हैं।

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