सिकंदराराऊ (हसायन) 11 अक्टूबर । स्थानीय विकासखंड क्षेत्र के ग्रामीण अंचल में खरीफ के सीजन में धान की पैदावार कर रहे किसानों को पिछले दिनो हुई बरसात के बाद अपने धान की पकी हुई फसल को कटवाए जाने के लिए हारवेस्टर कम्पाइन मशीन से कटवाने के लिए मजबूर हो रहे है। पानी भरे खेतों में खडी हुई धान की पकी फसल को कटवाए जाने के लिए मजदूर पानी में घुसकर धान की कटाई कराकर पानी से बाहर किसान को सौपे जाने के नाम पर प्रति दिन पांच सौ से आठ सौ रूपए प्रति मजदूर के हिसाब से मांग रहे है।मजदूरो के द्वारा मजदूरी के पानी में घुसकर धान की पकी फसल काटकर पानी से बाहर लाने के नाम पर मजदूरी के नाम पर मांगे जा रहे मजदूरी के रूपए पैसो को ज्यादा समझकर अब किसान मजदूरो के बजाए कम्पाइन हारवेस्टर मशीन से धान की कटाई के साथ गहाई का कार्य कराकर चार हजार से पैतालीस सौ रूपए प्रति घंटा की मजदूरी देने में कतई परहेज नही कर रहे है।पानी में खडी हुई किसान की पकी हुई फसल को काटने के नाम पर मजदूरो के द्वारा मजदूरी के उचित रूपए मांग कर किसान को सुरक्षित फसल के अलावा धान की शेष बचत पाल प्यार को भी पशुओ के लिए चारा के रूप में सहेज कर रख रहे है।मगर कम्पाइन हारवेस्टर मशीन के धान के कटाई गहाई का कार्य करने पर किसान को धान की पकी हुई कटी फसल गहाई के साथ मिल रही है।मगर कम्पाइन से धान की सुरक्षित निकासी के साथ पशुओ के लिए सूखा चारा का संकट गहराए जाने के साफ संकेत मिलते दिखाई दे रहे है।हालांकि हारवेस्टर कम्पाइन चैन वाली पानी में खडे होकर चलने फिरने वाली मशीन के आने के बाद जहां मजदूरो के हक पर डाका डाल रही है।तो किसान अपने फायदे के लिए कम समय में अपना फायदा देखकर धान की फसल की कटाई गहाई करा रहे है।