हाथरस 10 अक्टूबर । शारदीय नवरात्र के आठवें दिन घर-घर महागौरी की उपासना की गई। पूरे दिन प्रमुख मंदिरों पर भक्तों की भीड़ लगी रही। घर-घर कन्या लागुंरा भी जिमाए गए। भक्त पिछले सात दिनों सें मनोरथ पूर्ण होने की कामना के साथ श्रद्धाभाव से उपवास रख माता भवानी की स्तुति कर रहे थे। आज विधि विधान से पूजा अर्चना कर अष्टमी का व्रत खोला। शाम तक पूजा अर्चना का कार्यक्रम चलता रहा। मंदिरों पर पैर रखने तक की जगह नहीं थी। भक्तों ने दूध, घी व जल से अभिषेक किया और लौंग, कपूर, सिंदूर, गुगर, फल, पुष्प आदि चढ़ाकर मनोकामना पूर्ति की मांग की। बौहरे वाली देवी मंदिर पर लंबी-लंबी कतारें लगी थीं। भक्तों को घंटों इंतजार के बाद मइया के दर्शन हो सके। शाम होते ही देवी मंदिरों में प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी, मइया की हर बात निराली, मेरी भी सुनो ओ माता भवानी, अम्बे तू है जगदम्बे काली जैसे भक्ति गीत सुनाई देने लगे। नवमी पर मइया के विशेष शृंगार किए गए। सूर्यास्त के बाद संध्याकाल में देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ जमा होने लगी। देवी मंदिरों पर शाम होते ही भजन कीर्तन व मइया की आराधना शुरू हो गई। मइया की एक झलक पाने को भक्त ललायित दिखे। देवी मंदिरों पर देर रात जागरण कार्यक्रम आदि भी चलते रहे।
कन्या लांगुराओं की गई खातिरदारी
अष्टमी पर शहर भर में भक्तिरस की बरसात हुई। मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ रही तो घर घर कन्या लांगुराओं की भी खातिरदारी की गई। आस-पड़ोस से कन्याओं को ढूंढकर लाया गया। कन्याओं को एकत्रित कर उन्हें दावत दी गई। देवी स्वरूप कन्याओं की पूजा भी गई। कन्याओं को चुनरी आदि भेंट की गई। नवरात्रों में कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर उन्हें भोजन कराया जाता है। आज कन्या लांगुरा जिमाए गए। तमाम भक्तों ने मंदिरों पर जाकर कन्याओं को प्रसाद वितरण किया।