Hamara Hathras

11/10/2024 6:03 pm

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सादाबाद 03 अक्टूबर । राम-सीय सुंदर प्रतिछाहीं, जगमगात मनि खंभन माहीं। मनहुं मदन रति धरि बहु रूपा, देखत राम बिआहु अनूपा। श्रीराम और सीताजी की सुंदर परिछाहीं मणियों के खंभे में जगमगा रही हैं। मानो कामदेव और रति बहुत से रूप धारण करके श्रीरामजी के अनुपम विवाह को देख रहे हैं। जैसे ही भगवान राम की जानकी हो गईं तो समस्त लोक, देव, गंधर्व, किन्नर और यक्ष प्रसन्नता से भर उठे। बुधवार देर रात श्री रामलीला महोत्सव के दौरान राम बारात के बाद जनकपुरी में प्रभु राम और माता जानकी का विवाह प्रसंग का मंचन हुआ। श्री रामलीला समिति अध्यक्ष राहुल जैसवाल के संयोजन में कस्बे में भव्य राम बारात निकाली गई। अग्रवाल सभा अध्यक्ष पवन अग्रवाल सहित अन्य पदाधिकारी ने बारातियों का जोरदार स्वागत किया। अग्रवाल सभा द्वारा जनकपुरी में बारातियों के लिए विभिन्न इंतजाम किए गए। विवाह मंचन के दौरान भगवान शिव ने सीता राम के विवाह को जगत के लिए कल्याणकारी बताया। देवता श्री राम की जय-जयकार करने लगे। मंडप में सभी अपने आसन पर बैठते हैं। विवाह आरंभ हुआ, शंखोच्चार के बाद कन्यादान व सिंदूरदान पूर्ण हुआ। वशिष्ठ की आज्ञा से मांडवी, उर्मिला एवं श्रुतिकीर्ति का भरत, लक्ष्मण तथा शत्रुघ्न के साथ विवाह हुआ। दशरथ बहुओं सहित पुत्रों को देखकर बड़े प्रसन्न होते हैं। राजा जनक दशरथ से कहते हैं कि हम सब प्रकार से संतुष्ट हैं। सखियां दूल्हा दुल्हन को कोहबर में ले जाती हैं और वहां राम की आरती उतारती हैं। अंत में वर को जनवासे में भेज दिया जाता है। देवता लोग जय जयकार करते हैं। विवाह प्रसंग का आनंद लेने के लिए भक्तों की भारी भीड़ रही।

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