हाथरस 03 अक्टूबर । भगदड़ मामले में पुलिस द्वारा दाखिल आरोप पत्र में स्वयंभू बाबा सूरजपाल उर्फ भोले बाबा का नाम शामिल नहीं किए जाने को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने प्रदेश की योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 11 आरोपियों की सूची में सूरजपाल का नाम शामिल नहीं किए जाने का मतलब है कि उसे राज्य सरकार का संरक्षण मिला हुआ है। बता दें कि हाथरस के फुलराई गांव में दो जुलाई को सत्संग के बाद भगदड़ मच गई थी जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में अधिकांश महिलाएं थीं। इस मामले को लेकर पुलिस ने मंगलवार को हाथरस की एक अदालत में 3200 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। इस आरोप पत्र में 11 आरोपियों की सूची में सूरजपाल का नाम शामिल नहीं था। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने इसी को लेकर आज प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है ।
मायावती ने जनविरोधी राजनीति का लगाया आरोप
सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के अधिवक्ता केपी सिंह ने भी मायावती के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि बहन मायावती जी उत्तर प्रदेश की चार बार मुख्यमंत्री रही हैं। उन्हें बिल्कुल भी उत्तर प्रदेश की जनता से प्यार नहीं है। हाथरस में जो दुखद घटना हुई है, उसे पर नमक छिड़कने का काम कर रही हैं। उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस और उत्तर प्रदेश सरकार और जांच एजेंसियों पर भरोसा नहीं है। मायावती जी व्यक्तिगत रूप से उनको बदनाम करने के लिए लांछन लगा रही हैं। उन्हें इस बात की ईर्ष्या और जलन है कि एक दलित शोषित वंचित व्यक्ति कैसे सनातन धर्म की बात करने लगा। मायावती जी सनातन धर्म और उत्तर प्रदेश सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। वहीं, अधिवक्ता ने उन पर दर्ज मुकदमों को लेकर कहा कि आप खुद पर लगे मुकदमों की जांच की बात करें तो अच्छा होगा है। हादसे में मारे गए लोगों के परिवार के लिए सहयोग की बात तो नहीं की, उनके परिवार के किसी व्यक्ति को नौकरी देने के बात नहीं की, क्या आपने 3200 पेज की चार्जशीट पढ़ी है, इस लिए आपको अपने लिखे को वापस लेना चाहिए।