हाथरस 03 अक्टूबर । बाल सेवा योजना एंव स्पांसरशिप योजना के अन्तर्गत प्राप्त आवेदनों की स्वीकृति के संबंध में जिला टास्क फोर्स की बैठक कलेक्ट्रेट जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में करते हुए जिलाधिकारी राहुल पांडेय ने प्राप्त आवेदनों का शत प्रतिशत सत्यापन कराने तथा योजना का व्यापक प्रचार प्रसार कराने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि शासन द्वारा संचालित यह योजना अनाथ व एकल अभिभावक बच्चों की शिक्षा हेतु बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी को समस्त उप जिलाधिकारिओं से समन्वय स्थापित करते हुए प्राप्त लंबित आवेदनों का निस्तारण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने विकास खण्डों में आयोजित होने वाली बैठको में योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए, जिससे कि पात्र एवं जरूरतमंद बच्चों को योजना का लाभ प्राप्त हो सके। उन्होंने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से समन्वय स्थापित करते हुए ऐसे बच्चों की सूची प्राप्त करने के निर्देश दिए जिन बच्चों को इस योजना से लाभन्वित किया जा सकता हो। जिससे कि पात्र एवं छूटे हुए बच्चों को इन योजना का लाभ दिलाया जा सके। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के बारे में बताया कि एक मार्च 2020 के उपरांत 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है, अथवा 18 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर जिन्होने कोविड-19 या अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है तथा वह कक्षा 12 तक शिक्षा पूर्ण करने के उपरान्त महाविद्यालय, राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने हेतु शिक्षा प्राप्त कर रहें हों या नीट, जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले अथवा ऐसे बच्चे जिन्हें बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति व बाल वैश्यावृत्ति से मुक्त कराकर परिवार व पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया हो अथवा भिक्षावृत्ति व वैश्यावृत्ति में सम्मिलित परिवारों के बच्चों को आर्थिक लाभ प्रदान किया जाना उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) का मुख्य उद्देश्य है।
योजना के अंतर्गत एक परिवार के अधिकतम दो बच्चों को रुपए दो हजार पॉच सौ प्रतिमाह प्रति बालक-बालिका अथवा पात्रता की शर्तों को पूर्ण करने तक लाभ प्रदान किया जाता है। योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए परिवार की वार्षिक आय 300000 से कम होनी चाहिए तथा जिनके माता-पिता दोनों नहीं है उनके आवेदन के लिए आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। बच्चों को किसी अन्य समरूपी योजना एवं बाल श्रमिक विद्या योजना से लाभान्वित बच्चे तथा अटल आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चे पात्रता की श्रेणी में नहीं आएंगे। उन्होनें बताया कि जनपद में ऐसे 652 बच्चों का आवेदन जिला टास्क फोर्स द्वारा पूर्व में स्वीकृति प्रदान की गई है। 37 नवीनतम आवेदनों का परीक्षण करा कर समिति की सर्वसहमति के आधार पर स्वीकृति प्रदान की गई। स्पांसरशिप योजनांतर्गत 28 आवेदन को भी अनुमति प्रदान की गई। बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी न्यायिक, प्रभारी अधिकारी कलेक्ट्रेट, जिला समाज कल्याण अधिकारी, समाज सेवी अशोक कूपर, बाल कल्याण समिति के सदस्य आदि उपस्थित रहे।
केंद्र और राज्य सरकार समय-समय पर लोगों के लिए नयी योजनाओं की शुरुआत करती है. फिर चाहे बुजुर्ग हों या कोई बच्चा, हर किसी कोई इन योजनाओं का लाभ उठा सकता है. बच्चों के लिए एक योजना ऐसी भी है, जिसका लाभ उठाकर वो हर महीने 2500 रुपये पा सकते हैं. इस योजना का नाम है मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना.