हाथरस 04 सितम्बर । महिला कल्याण विभाग द्वारा बच्चों एवं महिलाओं के हितार्थ हेतु संचालित योजनाऐं यथा जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति, मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य)/कोविड-19, प्रवर्तकता (स्पॉन्सरशिप), बाल विवाह, बेटी बचाओ बेटी पढाओ, वन स्टॉप सेन्टर, निराश्रित महिला पेंशन तथा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की संयुक्त जिला टास्क फोर्स एवं समीक्षा बैठक जिलाधिकारी आशीष कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं का व्यापक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए जिससे अधिक से अधिक पात्र लाभार्थियो को योजनाओं का लाभ मिल सके। संचालित योजनाओं के प्रचार प्रसार हेतु शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के प्रमुख स्थानों, सरकारी भवनों में स्टैच्यू लगाने, वॉल पेंटिंग कराने एवं होर्डिंग लगाए जाने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी सीमा मौर्या ने मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के अन्तर्गत जानकारी देते हुये बताया कि 18 वर्ष से कम आयु के ऐसे बच्चें जिन्होने अपने माता-पिता दोनोें अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावकों को खो दिया है अथवा 18 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर जिन्होंने कोविड या अन्य कारणों से अपने वैध माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा वैध अभिभावकों को खो दिया है और उनमें से किसी एक की मृत्यु 01 मार्च 2020 के पश्चात् हुई है तथा वह कक्षा-12 तक शिक्षा पूर्ण करने के उपरान्त राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने हेतु शिक्षा प्राप्त कर रहे हों या नीट, जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों अथवा जिनकी माता तलाकशुदा स्त्री या परित्यक्ता है अथवा जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्यकर्ता जेल में है अथवा ऐसे बच्चे जिन्हें बालश्रम, बाल भिक्षावृति से मुक्त कराकर परिवार एवं पारिवारिक वातावरण में समायोजित कराया गया हो अथवा भिक्षावृत्ति एवं वैश्यावृत्ति में सम्मिलित परिवार के बच्चों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाना ही मुख्यमंत्री बालसेवा योजना (सामान्य) का मुख्य उद्देश्य है। योजना के अन्तर्गत एक परिवार के अधिकतम दो बच्चों को 2500 रूपये प्रति माह अथवा पात्रता की शर्तों को पूर्ण करने तक लाभ प्रदान किया जाना है। योजनान्तर्गत जनपद में 499 आवेदन समिति द्वारा स्वीकृति प्रदान की गयी है। जिसमें पात्र 444 बच्चों को प्रथम त्रिमासिक किश्त जा चुकी है और 153 नवीन आवेदन समिति के समक्ष प्रस्तुत हैं। मुख्यमंत्री बालसेवा योजना (कोविड-19)-योजना के बारे में जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा बताया जनपद में 107 बच्चों को चिन्हित किया गया था जिसमें पात्र 89 बच्चों को छमाई किश्त धन आवंटन होने पर हस्तांतरित की जायेगी।
मिशन वात्सल्य योजना के अन्तर्गत जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा प्रवर्तकता योजनान्तर्गत जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि किशोर न्याय (बालकों की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम-2015 की धारा 2 (58) के अनुसार, ‘‘प्रवर्तकता’’ (स्पॉन्सरशिप) को ‘‘परिवारों को बच्चों की चिकित्सा, शैक्षिक और विकासात्मक जरूरतों को पूरा करने के लिये वित्तीय प्रदान की जाती है जिसके अन्तर्गत जिला टास्क फोर्स द्वारा 143 बच्चों को स्वीकृति प्रदान की गयी है और 141 बच्चों को बजट के अनुसार धनराशि हस्तांतरित की गयी है। जनपद में उक्त योजनान्तर्गत 43 नवीन आवेदन जॉच उपरान्त प्राप्त हुये हैं जिनको समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया।
मिशन वात्सल्य योजना-किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 के प्रावधानों के अनुसार देखरेख एवं संरक्षण के आवश्यकता वाले तथा विधिक विरूद्ध कार्यों में लिप्त बच्चों के संरक्षण, कल्याण एवं पुर्नस्थापन को सुनिश्चित करने हेतु 0-18 वर्ष के देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वालेे बच्चों और कानून के सम्पर्क में आये बच्चों पर केन्द्रित है। मिशन वात्सल्य योजना बच्चों के सुरक्षात्मक वातावरण निर्माण के लिये तैयार की गयी एक योजना है। यह योजना बाल अधिकार संरक्षण और सर्वोत्तम बाल हित को ध्यान में रखते हुये तैयार की गयी है। यह योजना बच्चों का पालन-पोषण करने वाले परिवार, देखरेख करने वालों के दुर्व्यवहार, शोषण, हिंसा और उपेक्षा के विरूद्ध सुरक्षात्मक वातावरण को बढ़ावा देने के लिये तैयार की गयी है। मिशन वात्सल्य योजना विद्यमान विभिन्न बाल संरक्षण कार्यक्रमों को एक छतरी के नीचे लाते हैं, जिसके अन्तर्गत ब्लॉक/वार्ड/ग्राम पंचायत स्तर पर समितियों को गठित किया गया है। बाल कल्याण समिति-समिति में गत वर्ष के लम्बित प्रकरणों को सम्मिलित करते हुये 01 अप्रैल 2024 से 31 अगस्त 2024 तक 320 प्रकरण प्राप्त हुये हैं, जिसमें से 315 निस्तारित किये जा चुके हैं एवं 05 प्रकरण लम्बित चल रहे हैं जिस पर जिलाधिकारी महोदय द्वारा नियमानुसार निस्तारित करने के निर्देश दिये गये हैं।
बाल विवाह-बाल विवाह के बारे में जिला प्रोबेशन अधिकारी द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद को छह बाल विवाह रोके गये है। जिस पर जिलाधिकारी महोदय द्वारा बाल विवाह का प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना-योजनान्तर्गत जनपद में 24,443 ऑनलाइन आवेदन किये गये जिसके सापेक्ष 14,936 लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। योजना से लाभान्वित करने हेतु अधिक से अधिक पात्र आवेदकों को लाभान्वित करने हेतु जिलाधिकारी महोदय द्वारा निर्देशित किया गया है। निराश्रित महिला पेंशन-योजना के बारे में जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 23412 लाभार्थियों को प्रथम किश्त का भुगतान किया गया है। वन स्टॉप सेन्टर-गत वर्ष के लम्बित प्रकरणों को सम्मिलित करते हुये 01 अप्रैल 2024 से 31 अगस्त 2024 तक 879 प्रकरण प्राप्त हुये हैं, जिसमें से 876 निस्तारित किये जा चुके हैं एवं 03 प्रकरण लम्बित चल रहे हैं जिस पर जिलाधिकारी द्वारा नियमानुसार निस्तारित करने के निर्देश दिये गये हैं।
बैठक के दौरान मुख्य विकास अधिकारी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, उप जिलाधिकारी सादाबाद, उप जिलाधिकारी सासनी, प्रभारी अधिकारी कलेक्ट्रेट, अग्नि शमन अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी, उपायुक्त उद्योग, एएमए जिला पंचायत, जिला सूचना अधिकारी, तथा बाल कल्याण समिति के सदस्य एवं विभागी कर्मचारी आदि मौजूद रहे।