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हाथरस 03 जुलाई । जनपद के थाना सिकंदराराऊ क्षेत्र के गांव फुलरई आयोजित भोले बाबा के सत्संग में अचानक भगदड़ मच गई।नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के दौरान मची भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 पहुंच गई हैं। इनमें 108 से अधिक महिलाएं शामिल हैं। पुलिस के केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। आरोपी बाबा अब तक फरार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घायलों से मुलाकात करने और मौके का मुआयना करने के बाद मीडिया को संबोधित किया। योगी आदित्यनाथ ने बताया कि सत्संग खत्म होने के बाबा को छूने की होड़ में भगदड़ मची। इसी दौरान सेवादारों ने भी धक्का दिया। मुख्यमंत्री ने आगे बताया कि सत्संग के समय पुलिस और प्रशासन को अंदर प्रवेश नहीं था। बाद में घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए पुलिस अंदर घुसी। उन्होंने ऐलान किया कि हाई कोर्ट के रिटायर जज की निगरानी में न्यायिक जांच होगी। प्राथमिकता आयोजकों और फरार सेवादारों को पकड़ना तथा घटना के बारे में पूरी जानकारी हासिल करना है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।

एसडीएम की रिपोर्ट में घटना के कारणों का जिक्र

सिकंदराराऊ के एसडीएम ने हाथरस के डीएम को घटना की रिपोर्ट सौंप दी है। इसके मुताबिक, नारायण हरि सरकार 12.30 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे थे और कार्यक्रम एक घंटे तक चला था। जब बाबा कार्यक्रम स्थल से चले गए, तो लोग आशीर्वाद लेने के लिए उनकी ओर दौड़ने लगे।रिपोर्ट के मुताबिक, भीड़ को बाबा तक पहुंचने से रोकने के लिए उनके निजी सुरक्षाकर्मी और सेवादारों ने कुछ लोगों को धक्का दिया, जिससे वे गिर गए। इसके बाद भीड़ में बेकाबू हो गई। जान बचाने के लिए लोग खुले खेल की ओर दौड़ पड़े। वहां ढलान पर कई लोग फिसल गए और भीड़ उनके ऊपर चढ़ गई।

हाथरस कांड की न्यायिक जांच होगी, हाईकोर्ट के एक जज की अध्‍यक्षता में कमेटी जांच करेगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले का दौरा करने पहुंचे। मुख्यमंत्री ने दोपहर में पुलिस लाइन में स्थित मनाेरंजन सदन में मीडिया से बातचीत की।  प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जो घटना हुई है वह अन्यतं ही दुखद और दर्दनाक है। इस पूरी घटना की तह तक जाने के लिये शासन स्तर से कमेटी गठित की गई है, उन्होने कहा कि प्रथम दृष्टया पहले राहत और बचाव कार्य को आगे बढाया जायेे। जो हादसा हुआ है उसमें 121 श्रद्धालुओं की मृत्यु हुई है जिसमें उत्तर प्रदेश के साथ-साथ हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश से भी श्रद्धालु जुड़े हुए थे। हाथरस, बदायूँ, कासगंज, अलीगढ़, एटा, ललितपुर, शाहजहांपुर, आगरा, फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, मथुरा, औरैया, बुलंदशहर, पीलीभीत, सम्भल और लखीमपुरखीरी सहित 16 जनपदों के भी कुछ श्रद्धालुजन सत्संग में शामिल थे जो इस हादसे के शिकार हुये हैं। 121 मृतकों में से 6 मृतक ऐसे थे जो अन्य राज्यों से थे। जिनमें एक ग्वालियर मध्यप्रदेश, एक हरियाणा और चार राजस्थान से थे। 31 ऐसे घायल हैं जिनका हाथरस, अलीगढ़, एटा और आगरा के हास्पीटल में जिनका उपचार चल रहा है और वह सभी खतरे से बाहर हैं। हादसे के चश्मदीद भी इस घटना के शिकार हुये जो गंभीर रूप से घायल हुये थे, उनसे वार्ता करने पर बताया कि हादसा कार्यक्रम के उपरांत जब इस कार्यक्रम में जो सज्जन वहां पर अपना उपदेश देने के लिये आये थे, उनका कार्यक्रम सम्पन्न हुआ तो मंच से उतरने के बाद जीटी रोड पर जैसे ही उनका काफिला आया तो उन्हें छूने के लिये महिलाओं का एक दल उनकी ओर बढ़ा तो उनके पीछे-पीछे भीड़ भी गई। इसी के बाद वे एक-दूसरे ऊपर चढ़ते गये जिसकी वजह से ऐसा हादसा हुआ। सेवादार भी लोगों को धक्का देते रहे, जिसके कारण जीटी रोड के दोनों ओर जी0टी0 रोड के अंदर भी ऐसा हादसा वहां पर होता हुआ दिखाई दिया। इसका सबसे दुखद पहलु ये था कि इस प्रकार के आयोजन में सेवादार प्रशासन को अंदर घुसने नहीं देते। दुर्घटना होने के तत्काल बाद प्रारम्भिक रूप में पहले वहां पर मामले को दबाने का प्रयास किया। लेकिन जब उन्हें प्रशासन ने अस्पताल ले जाने की कार्यवाही की तो ज्यादातर सेवादार वहां से भाग गये। इस पूरे घटनाक्रम के लिये हम लोगों ने एडीजी आगरा की अध्यक्षता में एक एसआईटी टीम गठित की है, जिसने अपनी प्रारम्भिक रिपोर्ट दी और इस घटना की तह तक जाने के लिये उनसे कहा गया है, जिनपर जाँच होनी बहुत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रथमदृष्टया हमारी कार्यवाही यह है कि राहत और बचावकार्य को आगे बढ़ाने के बाद आयोजकों को पूछताछ के लिये बुलाना, घटना के बारे में हादसे के कारणों के बारे में उनसे पूछताछ करना।

घटना के पीछे पीछे साजिश किसकी है, कौन इसके पीछे, जांच होगी: योगी 

घटना की लापरवाही और जिम्मेदारों की जबावदेही भी तय करना, जिसकी पहले ही एफआईआर दर्ज हो चुकी है। उन्होंने कहा कि इस बात को किसी भी प्रकार से नकार नहीं सकते कि इस प्रकार की घटना केवल एक हादसा नहीं होता, अगर हादसा भी हो तो उसके पीछे कौन जिम्मेदार है, और अगर वह घटना घटित हुई है तो इसके पीछे साजिश किसकी है, कौन इसके पीछे है। इन सभी पहलुओं को लेकर राज्य सरकार ने तय किया है कि इन सब पर हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता ज्यूडिसियल जाँच भी कराई जायेगी। जिसमें प्रशासन और पुलिस के भी रिटायर्ड सैन्य अधिकारियों को रखकर इस पूरी घटना की जाँच तह तक की जायेगी। जो भी इसके लिये दोषी होगा उन्हें इसकी सजा दी जायेगी और इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति न हो। इनके बारे में एक सुझाव और एसओपी भी उनके माध्यम से बनाई जायेगी। जिससे आगे इस प्रकार के किसी भी बड़े आयोजन में लागू किया जा सके। मुख्यमंत्री के द्वारा हाथरस और सिकंदराराऊ के घटना स्थल का दौरा किया गया।

घायलों को एक लाख तथा मृतकों के परिवारीजनों को चार-चार लाख रूपये की सहयता राशि : योगी 

उन्होंने कहा कि प्रशासन ने पहले से इसके मैप भी बनाके तैयार किये और भेजे भी थे। जिससे कि हादसे के कारणों की प्रारम्भिक जाँच की जा सके, उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक भी यहां पर कल से ही कैम्प कर रहे हैं। इस पूरी घटना के लिये जिम्मेदारों की जबावदेही भी तय करने की दिशा में आगे कार्यवाही की जा रही है, जिसमें कुछ विशेष दल बनाये गये हैं जिनमें अलग-अलग जनपदों मे उनकी कार्यवाही प्रारम्भ होगी, और प्रारम्भिक जांच के बाद आगे की कार्यवाही को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे। ज्यूडिसियल जाँच के बारे में आज ही इसके नोटिफिकेशन शासन द्वारा जारी हो जायेगी। दुर्घटना में घायल व्यक्तियों को प्रदेश एवं केन्द्र सरकार की ओर से एक लाख रूपये तथा मृतकों के परिवारीजनों को चार-चार लाख रूपये की सहयता राशि के रूप में दिये जायेगें।

प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, समाज कल्याण मंत्री असीम अरुण, सांसद अनूप वाल्मीकि, पार्टी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, जिला पंचायत अध्यक्ष सीमा उपाध्याय, विधायक सदर अंजुला सिंह माहौर, विधायक सिकंदराराऊ वीरेंद्र सिंह राणा, पूर्व विधायक हरिशंकर माहौर, जिला अध्यक्ष शरद महेश्वरी, एमएलसी ऋषिपाल सिंह, वरिष्ठ नेता आरपी सिंह, मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव सूचना संजय प्रसाद, आईजी0अलीगढ़ शलभ माथुर, आयुक्त अलीगढ़ मण्डल श्रीमती चैत्रा वी, जिलाधिकारी आशीष कुमार, पुलिस अधीक्षक निपुण अग्रवाल एवं अन्य जनप्रतिनिध व अधिकारी मौजूद रहे।

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