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21/06/2024 2:17 pm

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सादाबाद 27 अप्रैल । आगरा-अलीगढ़ हाईवे पर आवागमन के बढ़ते बोझ से कराहने लगा है। इसे करने के लिए एनएचएआई ने नए फोरलेन हाईवे निर्माण योजना को अमलीजामा पहना दिया है। निर्माण की तैयारी शुरू हो चुकी हैं। भारतमाला परियोजना के तहत आर्थिक और इंटर कॉरिडोर के रूप में ये हाईवे तीन जिलों के 65 गांव से होकर गुजरेगा। इसके लिए अधिग्रहित होने वाली जमीन के मुआवजे को लेकर किसानों की बेचैनी अचानक बढ़ गई है। क्षेत्र के तमाम किसानों ने शनिवार को अपर जिलाधिकारी से मुलाकात कर समस्या जाहिर की।

हाईवे निर्माण के लिए एनएचएआई डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार कर रहा है। इसके लिए नोएडा की निजी कम्पनी एसए इंफ्रास्ट्रक्चर काम में लगी है। एनएचएआई ने संबंधित जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों को भी पत्र लिखकर इसकी सूचना दी है। जिन गांव से होकर हाईवे गुजरेगा उन गांव की भूमि से जुड़ा नक्शा और गाटा नंबरों की सूची मांगी गई है। आगरा-अलीगढ़ के बीच की दूरी करीब 85 किलोमीटर है और इन दोनों शहरों के मध्य दो लाइन हाईवे बना हुआ है। अब इसे विकास की रफ्तार के साथ जोड़ते हुए चार लेन कॉरिडोर के रूप में विकसित करने की योजना है। हाईवे निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण की सूचना से किसान परेशान हो उठे हैं। संबंधित कई गांव के किसान आज आगरा-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे के संबंध में अपर जिलाधिकारी से मिले। बातचीत के दौरान किसानों ने बताया कि सादाबाद क्षेत्र के कई गांव से एक्सप्रेस वे निर्माण प्रस्तावित है। इसके लिए किसान अपनी उपजाऊ जमीन को किसी भी कीमत पर नहीं देना चाहते हैं। क्षेत्र आलू की खेती के लिए प्रख्यात है। ऐसे में जमीन का अधिग्रहण किसानों के लिए घाटे का सौदा साबित होगा। जमीन अधिग्रहण के लिए जो सर्किट रेट निर्धारित किया गया है, बाजार में जमीन की कीमत उससे कई गुना ज्यादा है। इसलिए जमीन अधिग्रहण पर किसी भी तरह का निर्णय लेने से पहले संबंधित किसानों से बातचीत और उनकी राय लेना बेहद जरूरी है। अन्यथा किसानों के लिए समस्या बढ़ने के साथ-साथ एनएचएआई को हाईवे निर्माण में दुश्वारी का सामना करना पड़ सकता है। किसानों की जरूरत है और भावनाओं को समझते हुए अगर हाईवे का निर्माण कराया जाएगा तो हाईवे निर्माण में किसी प्रकार की कोई बाधा नहीं होगी। एनएचएआई और प्रशासन अगर किसानों की भावनाओं को दरकिनार कर हाईवे निर्माण का प्रयास करेगा तो किसान निश्चित ही न्यायालय की शरण लेंगे। एडीएम से किसानों की इस मुलाकात के बाद यह जरूर साफ हो गया है कि किसान जमीन अधिग्रहण को लेकर सर्किल रेट में किसी तरह का कोई समझौता नहीं करेंगे।

इन गांव से होकर गुजरेगा हाईवे

आगरा-अलीगढ़ एक्सप्रेस-वे आगरा अलीगढ़ और हाथरस जिले से होकर गुजरेगा। सादाबाद क्षेत्र की बात करें तो यह तहसील के गांव बिचपुरी, कजरौठी, मीरपुर, झगरार, एदलपुर, नौगांव, दगसह, ताजपुर, कुम्हरई, सरौठ, कुरसंडा, घूंचा, सीस्ता, नसीरपुर, कंजौली से होकर गुजरेगा। इन गांव में संबंधित किसानों की जमीन फोर लाइन हाईवे निर्माण के लिए अधिग्रहित की जानी है।

पैदा होंगे रोजगार के अवसर

आगरा-अलीगढ़ हाईवे उत्तर प्रदेश के व्यस्ततम हाईवे में से एक है। 24 घंटे हाईवे पर वाहनों की कतार देखी जा सकती है। इसलिए रोजाना सड़क हादसे भी होते रहते हैं। हादसों, जाम की समस्या और आवागमन को कम करने के लिए नए फोर लेन हाईवे का निर्माण किया जा रहा है। फोर लेन हाईवे निर्माण के बाद इस हाईवे पर जाम की समस्या कम होगी। आगरा से अलीगढ़ की दूरी कम समय में तय की जा सकेगी। इसके अलावा तीनों जिलों में विकास की रफ्तार भी बढ़ेगी। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

मुलाकात के समय मौजूद रहे किसान

सौदान सिंह, डूंगर सिंह, चंद्रप्रकाश, जगदीश, सुरेश चंद्र, नारायण सिंह, सोनवीर सिंह, हरदम सिंह, ओमवीर सिंह, पुष्पेंद्र सिंह, पूरन सिंह, रामगोपाल, योगेश कुमार, यादराम, दलवीर सिंह, लक्ष्मण सिंह, जयवीर सिंह, सुरेंद्र सिंह, सुल्तान सिंह, सत्यवीर सिंह, उदयवीर सिंह आदि किसानों ने एडीएम से मुलाकात की।

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