हाथरस 21 दिसंबर । दो वर्ष पूर्व सादाबाद क्षेत्र के एक गांव में युवती से दुष्कर्म के आरोपी को सत्र न्यायाधीश व एफटीसी कोर्ट संख्या एक माधवी सिंह के न्यायालय ने दोषी माना है। न्यायालय ने उसे 10 वर्ष के सश्रम कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड नहीं देने पर अतिरिक्त कारावास भोगना होगा। अभियोजन पक्ष की ओर से मुकदमे की पैरवी एडीजीसी प्रतिभा सिंह राजपूत और अधिवक्ता पार्थ गौतम ने की। उन्होंने बताया कि थाना सादाबाद क्षेत्र के एक गांव के व्यक्ति ने 15 जून 2022 को तहरीर दी थी। इसमें कहा था कि 14 जून 2022 को शाम करीब 8:15 बजे उनकी 18 वर्षीय बेटी घर के बाहर सड़क पर खड़ी थी। उसे पड़ोस का व्यक्ति टार्च दिखाने के बहाने चक्की पर बुला ले गया। वहां उसका मुंह बंद करके अंदर खींच कर ले गया। जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म किया। लोग जब उसकी चक्की पर गए तो बाहर से ताला बंद था। ताला तोड़कर अंदर प्रवेश किया तो लड़की बेहोशी की हालत में मिली। पुलिस ने इस मामले में अभियोग पंजीकृत किया। युवती के बयानों के आधार पर मुकदमे में दुष्कर्म की धारा बढ़ाई। विवेचक ने आरोप पत्र दाखिल किया। इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायाधीश/एफटीसी कोर्ट संख्या एक माधवी सिंह के न्यायालय में चल रही थी। एडीजीसी ने बताया कि न्यायालय ने कुंजल सिंह को दोषी करार देते हुए दस वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है और अर्थदंड भी लगाया है।
वादी के अधिवक्ता पार्थ गौतम ने कहा अभियुक्त द्वारा अपनी संघोत्री यानि बहन के साथ गंभीर प्रवृत्ति की घटना कार्य की गई है। इसी क्रम में अभियुक्त को अधिक से अधिक सजा एवं अर्थ दंड से दंडित किया जाना आवश्यक है। वहीं दूसरी ओर पड़ोसी होने के नाते जहां 40 साल के व्यक्ति जिस पर स्वयं दो-दो पुत्रियां हैं। उस व्यक्ति ने इस प्रकार का घृणित कार्य किया है। इसलिए यह अभियुक्त किसी प्रकार का कोई हकदार का पात्र नहीं है। वादी की ओर से अधिवक्ता डॉ पार्थ गौतम, दीपांशु अरोड़ा व प्रवीन कुमार ने सफल पैरवी की।