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हाथरस 16 अक्टूबर। मुरसान क्षेत्र में कथित फर्जी मुठभेड़ और लूट के प्रयास के मामले में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी है। अदालत ने दोनों आरोपी युवकों सोनू और देवा को रिहा करने के आदेश दे दिए हैं। यह वही मामला है जिसने बीते दिनों हाथरस पुलिस की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े कर दिए थे। मामला 9 अक्टूबर का है, जब मुरसान कस्बे के व्यापारी अमित अग्रवाल ने पुलिस में लूटपाट के प्रयास की शिकायत दर्ज कराई थी। अगले ही दिन, यानी 10 अक्टूबर को, पुलिस ने अलीगढ़ के इगलास क्षेत्र के बड़ाकलां निवासी सोनू और देवा को गिरफ्तार किया। पुलिस का दावा था कि यह गिरफ्तारी मुठभेड़ के बाद हुई और सोनू के पैर में गोली लगी थी। लेकिन, परिवारजनों ने पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए। उनका आरोप था कि दोनों युवकों को घर से उठाकर फर्जी एनकाउंटर दिखाया गया। इसके बाद, दोनों युवकों पर लूट के प्रयास और पुलिस टीम पर हमले के मुकदमे दर्ज कर जेल भेज दिया गया। घटना के बाद पुलिस कार्रवाई को लेकर परिजनों, स्थानीय संगठनों और नेताओं ने मोर्चा खोल दिया। थाने पर हंगामा, कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन और गांव बड़ाकलां में महापंचायत तक हुई। सपा सांसद रामजीलाल सुमन ने भी इस एनकाउंटर को फर्जी करार दिया था। मामले की बढ़ती गंभीरता के बीच, एसपी ने तत्काल प्रभाव से कोतवाली प्रभारी ममता सिंह का तबादला परिवार परामर्श केंद्र में किया। बाद में ममता सिंह और इंस्पेक्टर मुकेश कुमार दोनों को निलंबित कर दिया गया। अब पुलिस ने दोनों मामलों में फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी है। अदालत ने दोनों युवकों की रिहाई के आदेश जारी कर दिए हैं।

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