मंगलायतन विश्वविद्यालय में न्यूट्रास्यूटिकल्स विषय पर पुस्तक का विमोचन
अलीगढ़ 01 अगस्त । मंगलायतन विश्वविद्यालय के फार्मेसी संकाय ने शैक्षणिक जगत में एक नई उपलब्धि जोड़ते हुए “इंटेग्रेटिव अप्रोचेज़ इन न्यूट्रास्यूटिकल्स एंड फंक्शनल फूड्स“ नामक पुस्तक का विमोचन किया। इस पुस्तक को प्रियांशी गोयल, राजकुमार एवं तमन्ना राय ने संयुक्त रूप से लिखा है। जिसे वॉलनट पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित
तुलसी जयंती पर मंगलायतन विश्वविद्यालय में हुई विचार गोष्ठी
अलीगढ़ 01 अगस्त । मंगलायतन विश्वविद्यालय के स्टडी सर्कल क्लब द्वारा गोस्वामी तुलसीदास जयंती के अवसर पर आज के युग में तुलसीदास की प्रासंगिकता विषयक एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विद्वान प्राध्यापकों ने तुलसीदास के साहित्य, दर्शन और उनके सामाजिक योगदान पर विचार प्रस्तुत किए।
नवागंतुक नर्सिंग छात्र-छात्राओं को दी अनुशासन, लगन-मेहनत की सीख, के.डी. कॉलेज ऑफ नर्सिंग एण्ड पैरामेडिकल साइंस का ओरिएंटेशन प्रोग्राम
मथुरा 01 अगस्त । नर्सिंग शिक्षा चिकित्सा का ऐसा सेवाभावी अंग है जिसके बिना चिकित्सकीय कार्य असम्भव है। नर्सेज चिकित्सकों और मरीजों के बीच की अहम कड़ी होती हैं। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में प्रशिक्षित नर्सेज तथा योग्य पैरामेडिक्स की देश ही नहीं दुनिया भर में मांग है लिहाजा आप लोग लगन
हाथरस जनपद के महत्वपूर्व मोबाइल नंबर
जन प्रतिनिधियों के नंबर नाम पता नंबर राजेश दिवाकर 9013866419 हरिशंकर माहौर 9412276451 वीरेंद्र सिंह राना श्रीमती ओमवती बुआ 8954190270 जसवंत सिंह 9811475946 आशीष शर्मा 9837084440 श्रीमती गुड्डी बुआ 9897474915 राधेश्याम रजक 9456277268 श्रीमती रामवती माहौर 9690339428 श्रीमती सुषमा देवी 8630934465 नारायण लाल 8057820681 विनोद कुमार कर्दम 9219879945 निशांत उपाध्याय
हाथरस से जाने वाली बसों का टाइम टेबल
हाथरस से जाने वाली बसों का टाइम टेबल कहाँ से – कहाँ तक वाया टाइम हाथरस से नोएडा यमुना एक्सप्रेससवे 5:30, 6:00, 6:30, 7:00 हाथरस से नोएडा यमुना एक्सप्रेससवे 12:30, 13:00, 16:00 हाथरस से दिल्ली अलीगढ, खुर्जा 4:30, 5:00. 5:30, 6:00. 8:00 बल्लभगढ़ इगलास, गौड़ा 6:00, 6:30
सुरजीत मान जलईया सिंह की नई रचना ” प्रधान ”
पीठ पीछे जानता है क्या क्या कहते लोग हैं? सामने आता नहीं है कोई भी रघुराज के। जीतकर आया प्रधानी रोब थानेदार का। रोज दुगना बढ़ रहा है कद भी अब किरदार का। छटपटाती है खजूरी बोलती कुछ भी नहीं जैसे पंजों में फंसी हो एक चिड़िया बाज़ के। सामने
अवशेष मानवतावादी का गीत – फिर भी ईश्वर के होने का होता है अहसास
ना तो कोई भी सबूत है ना गवाह है पास। फिर ईश्वर भी के होने का होता है अहसास।। तोड़ तोड़कर कण को हमने कण कण में तोड़ा। फिर कण के टूटे कण कण को आपस में जोड़ा।। तत्व तत्व में छिपे तत्व का सारा तत्व निकाला, धरती क्या अम्बर
शिव कुमार ‘दीपक’ की बाल रचना
झूला लेकर आया सावन । हरियाली ले वर्षा आयी । बच्चों ने ली मन अंगड़ाई ।। दादुर पपिहा नाचे मोर । काली कोयल करे कनकोर ।। धानी चूँदर ओढ़े धरती । रिमझिम रिमझिम बरसा बरसी । छुक – छुक बच्चे रेल चलाते । हँसते गाते खूब नहाते ।। नदिया पोखर
अकबर सिंह अकेला की एक कविता –
वर्षा झमझम हो रही, मौसम भी परवान। हवा निराली चल रही, पंछी गाउत गान।। दिन में अँधियारी झुकी, बिल्कुल रात समान। लुका छिपी बदरा करें, सूरज अंतर ध्यान।। सांय काल में लग रहा, कबहुं न बरसो नीर | धूप खिली राहत मिली, बदलो रुखहिं समीर || अकबर सिंह अकेला मानिकपुर,
यशोधरा यादव ‘यशो’का एक नवगीत
लेखनी कुछ गीत लिख दुःखित जन को प्रीति लिख . कामनाओं की लता जब पुष्प से सज्जित हुई यंत्रवत कर्मों से हटकर प्रीति प्रतिबिम्बत हुई छंद के स्वर्णिम सवेरों की नयी रणनीति लिख लेखनी………… सूखते संबंध की टहनी पर कलियां खिल उठें बैठे जो अनजान बन मन मीत बन मिल