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सिकंदराराऊ (हसायन) 31 दिसंबर । सर्दी के मौसम में मौसम की आंख-मिचौली के बीच पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि, बुधवार 31 दिसंबर से चिल्ला जाड़े का दौर शुरू हो गया है। चिल्ला जाड़ा लगभग 40 दिनों तक, यानी 8 फरवरी 2026 तक रहने की संभावना जताई जा रही है। इस दौरान कड़ाके की ठंड और शीतलहर का प्रकोप बना रहेगा। एस्ट्रो महावास्तु आचार्य एवं संजीवनी उपचारक मनोज जादौन ने बताया कि लोकप्रचलित कहावत “धनु के पंद्रह, मकर के पच्चीस — चिल्ला जाड़ा दिन चालीस” इसी अवधि की ओर संकेत करती है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में खरमास चल रहा है, जिसमें पितरों की सद्गति के लिए श्राद्ध, तर्पण और दान करना शुभ माना गया है, जबकि इस अवधि में शादी-विवाह, गृह प्रवेश और वाहन खरीद जैसे शुभ कार्य पूर्णतः निषिद्ध रहते हैं। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार ग्रहों की बदलती चाल इस बार अत्यधिक सर्दी की ओर संकेत कर रही है। आचार्य मनोज जादौन के अनुसार गुरु, शुक्र और बुध को जलीय ग्रह माना जाता है और इनकी परस्पर युति या दृष्टि के कारण सर्दियों में बर्फबारी, शीतलहर और तेज ठंड की स्थिति बनती है। उन्होंने आशंका जताई कि नववर्ष 2026 की शुरुआत से ही ठंड का असर और अधिक बढ़ेगा तथा उत्तर भारत के कई हिस्सों में हल्की बारिश के भी संकेत हैं। मौसम विभाग ने भी बारिश के बाद ठंड और शीतलहर के और तीव्र होने की संभावना जताई है। ऐसे में जनवरी से लेकर 8 फरवरी तक लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है।

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