
हाथरस 31 दिसंबर । मानव कल्याण सामाजिक संस्था द्वारा आयुष्मान भारत योजना को लेकर एक गंभीर और जनहित से जुड़ा मुद्दा उठाया गया है। संस्था ने प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए योजना के अंतर्गत परिवार में 6 सदस्यों की अनिवार्यता समाप्त किए जाने की मांग की है। संस्था की ओर से यह ज्ञापन जिलाधिकारी हाथरस के माध्यम से प्रधानमंत्री तथा स्वास्थ्य मंत्री को भी ऑनलाइन भेजा गया है। संस्था का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना का उद्देश्य गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है, लेकिन वर्तमान व्यवस्था के चलते कई जरूरतमंद परिवार इस योजना से वंचित रह जा रहे हैं। मानव कल्याण सामाजिक संस्था ने अपने ज्ञापन में बताया कि वर्तमान में आयुष्मान भारत योजना का लाभ मुख्य रूप से उन्हीं परिवारों को मिल रहा है, जिनमें 6 सदस्य दर्ज हैं, जबकि जिन परिवारों में 1, 2 या 3 बच्चे हैं, वे इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। यह स्थिति चिंताजनक है और योजना के मूल उद्देश्य के विपरीत है। संस्था ने तर्क देते हुए कहा कि सरकार एक ओर जनसंख्या नियंत्रण को बढ़ावा दे रही है, वहीं दूसरी ओर जिन परिवारों ने जनसंख्या नियंत्रण की दिशा में जिम्मेदारी निभाई है, उन्हें आयुष्मान योजना से वंचित किया जाना न्यायसंगत नहीं है। संस्था ने कहा कि योजना का लाभ सभी गरीब एवं मध्यम वर्गीय परिवारों को मिले, चाहे परिवार में सदस्यों की संख्या कितनी भी हो।जिन परिवारों में 1, 2 या 3 बच्चे हैं, उन्हें भी आयुष्मान भारत योजना का लाभ प्रदान किया जाए। मानव कल्याण सामाजिक संस्था ने सरकार से अनुरोध किया है कि इस विषय पर शीघ्र निर्णय लिया जाए, ताकि जरूरतमंद परिवारों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिल सके।




















