
हाथरस 30 दिसंबर । अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग की एक महत्वपूर्ण बैठक आज मुख्य विकास अधिकारी पी.एन. दीक्षित की अध्यक्षता में मुख्य विकास भवन सभागार में आयोजित की गई। बैठक का संचालन जिला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी डॉ. रेखा मिश्रा द्वारा किया गया। बैठक में जिला अर्थ एवं सांख्यिकी अधिकारी वीरेंद्र कुमार, श्रम प्रवर्तन अधिकारी सत्येंद्र कुमार मिश्रा, युवराज सिंह, ईओ नगर पालिका परिषद हाथरस रोहित सिंह, ईओ नगर पालिका परिषद सिकंद्राराऊ संदीप कुमार सक्सेना, डीआरएम एनआईसी लोकेंद्र कुमार शर्मा, संजय जी, समिति के सदस्य, फेडरेशन व्यापार मंडल के जिलाध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के महामंत्री लोकेश अग्रवाल, अपर सांख्यिकी अधिकारी मसरूर अहमद, संजय कुमार, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद, प्रदूषण विभाग से अमित सक्सेना, प्रकाश चंद, तथा ASUSE से उत्कर्ष आर्य, आशुतोष उपाध्याय, धर्मेंद्र कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर (1 मिलियन डॉलर) की अर्थव्यवस्था बनाए जाने के लक्ष्य को लेकर चर्चा करना रहा। इसके अंतर्गत गैर-निर्माण सेवाओं, अन्य सेवा क्षेत्रों एवं बुनियादी ढांचे से जुड़े प्रमुख औद्योगिक क्षेत्रों पर विशेष ध्यान केंद्रित कर राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) को बढ़ाने पर जोर दिया गया। बताया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उद्योग एवं व्यापार परिसरों का डिजिटल डाटाबेस तैयार करने के लिए यह सर्वेक्षण किया जा रहा है, जिससे सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से क्रियान्वित करने में सहायता मिलेगी। यह सर्वेक्षण रोजगार सृजन बढ़ाने, बेरोजगारी कम करने तथा रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होगा। इस सर्वेक्षण के अंतर्गत गैर-निर्माण व्यापार एवं अन्य सेवा क्षेत्र, जो कंपनी अधिनियम 1956 एवं 1913 के अंतर्गत पंजीकृत नहीं हैं, उनका डाटा एकत्रित किया जाएगा। सर्वेक्षण से प्राप्त आंकड़ों का उपयोग राज्य एवं जिला घरेलू उत्पाद (DGDP) सहित अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतकों की गणना में किया जाएगा, जिससे असंगठित क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप नीति निर्धारण संभव हो सकेगा। पीएलएफएस सर्वेक्षण का संपादन प्रकाश चंद एवं अमित सक्सेना द्वारा किया जा रहा है। यह सर्वेक्षण समयबद्ध है, जिसमें देवकांत त्यागी एवं संजय कुमार सहयोग प्रदान कर रहे हैं। पीपीपी मॉडल के अंतर्गत एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को विभिन्न क्षेत्रों में सर्वेक्षण का अधिकार दिया गया है।
जनपद की समस्त छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयों एवं उद्योग-व्यापार इकाइयों का सर्वे कार्य संबंधित अधिकारियों द्वारा प्रारंभ कर दिया गया है। इसमें परिसरों की संरचना, जीएसटी, श्रम विभाग, प्रदूषण नियंत्रण, मंडी, रजिस्ट्रेशन सहित अन्य संबंधित दस्तावेजों का डाटाबेस तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जाएगा। बैठक में उत्तर प्रदेश सरकार के इस विशेष अभियान में उद्योगपतियों एवं व्यापारियों से सहयोग की अपील की गई। कहा गया कि असंगठित क्षेत्र के अंतर्गत हार्ड वर्क, सर्विस वर्क, अर्बन यूनिट एवं रूरल यूनिट का सर्वे कर राज्य सरकार को रिपोर्ट भेजी जाएगी, जिससे इनके समुचित विकास के लिए आवश्यक सहायता प्रदान की जा सके।













