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हाथरस 26 दिसंबर । श्यामकुंज स्थित एमएलडीवी पब्लिक इण्टर काॅलेज में गुरू गोविन्द सिंह की 359वीं जयंती की पूर्व संध्या पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया। गुरू गोविन्द सिंह के छवि-चित्र पर कार्डिनेटर शैलकान्ता गुप्ता, प्रधानाचार्या पूनम वाष्र्णेय, प्रशासनिक प्रमुख हर्षित गुप्ता (एड0), संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त ने दीप-प्रज्वलित एवं माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। वक्ताओं ने इस अवसर पर गुरू गोविन्द सिंह के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये बतलाया कि गुरू गोविन्द सिंह जयन्ती सिख धर्म के प्रमुख पर्व के रूप में सम्पूर्ण विश्व में मनायी जाती है। सिखों के दसवें गुरू गोविन्द सिंह की यह जयंती पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को श्रद्धालु मनाते हैं। सिखों के दसवें गुरू, गुरू गोविन्द सिंह की इस जयंती पर गुरूद्वारों में अखण्ड पाठ एवं संकीर्तन का भव्य आयोजन किया जाता है। नगर में नगर कीर्तन निकाले जाते हैं और लंगर का भव्य आयोजन किया जाता है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुये डीआरबी के पूर्व प्रधानाचार्य स्वतंत्र कुमार गुप्त ने बतलाया कि गुरू गोविन्द सिंह ने वर्ष 1699 में बैशाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी। उन्होंने पाँच ककार (केश, कंघा, कडा, कच्छा, कृपाण) के महत्व को बताते हुये जीवन में इन्हें धारण करने की बात कही थी। उन्होंने समाज में व्याप्त अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द की और ‘गुरू ग्रन्थ साहेब’ को सिखों का शाश्वत गुरू घोषित किया। इस दिन जरूरतमन्दों को भोजन, कपड़े और दवाईयों बाँटी जाती हैं और गुरूवाणी के अखण्ड पाठ से मन-मयूर नृत्य करने लगता है। इस अवसर पर निराली गुप्ता, जाह्मवी सिंह, अंशिका गौतम, प्रविका, युविका, युग गुप्ता, पहल गुप्ता, वंश अरोरा, वेदिका, देवांश, वाणी, निष्ठा, पूर्वी, वैदिक, अनन्या, प्रतिज्ञा, प्रिया, सोनाली, लक्षिका, रूद्रांश, तेजस, वंशिका, तीर्थिका, वेदिक आदि के द्वारा प्रस्तुत गुरूवाणी के कार्यक्रम ने दर्शकों को मंत्र-मुग्ध कर दिया। कार्यक्रम को सफल बनाने में हिमांशु वार्ष्णेय, गीता गौतम, संजय मिश्रा, बबिता भारद्वाज, हर्ष सिंघल, कृष्ण कुमार कौशिक, शिवानी शर्मा, डाॅ0 ललित नरायन, अनुराग खान, मौ0 दानिश, पुनीत गुप्ता, अंकित वाष्र्णेय, प्रियंका वाष्र्णेय, कोमल अग्रवाल, जीतू अरोरा, जितेन्द्र कुमार, रवेन्द्र कुमार शर्मा, निधि चतुर्वेदी, दुर्गेश सिंह, प्राची शर्मा, निधि शर्मा, रिया जैन, सारिका सोनी, ललिता कुलश्रेष्ठ, निधि अरोरा, प्रिया गहलौत, कुनाल कटारा, पुनीत वाष्र्णेय, राधा सारस्वत, प्रियंका जैन, सुनीता राय आदि का सहयोग रहा। अन्त में संस्था के डायरेक्टर स्वतंत्र कुमार गुप्त ने गुरू गोविन्द सिंह के शिक्षाओं को अपने जीवन-उपवन में साकार करने का छात्र-छात्राओं को आवाहन किया।

 

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