
हाथरस 25 दिसंबर । राष्ट्रीय सवर्ण परिषद् (RSP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज धवरैय्या ने रविवार को हाथरस में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए आईएएस संतोष वर्मा द्वारा दिए गए कथित विवादित बयानों पर कड़ा रोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अजाक्स (AJAKS) के प्रदेश अध्यक्ष आईएएस संतोष वर्मा ने सार्वजनिक मंच से ब्राह्मण समाज की बेटियों के विरुद्ध अत्यंत आपत्तिजनक, घृणित और विकृत मानसिकता को दर्शाने वाला बयान दिया है, जो न केवल समाज विशेष बल्कि पूरे देश की बेटियों का अपमान है। एक उच्च शिक्षित अधिकारी द्वारा इस प्रकार की टिप्पणी उसके संवैधानिक पद और शिक्षा दोनों का अपमान है। पंकज धवरैय्या ने कहा कि यह बयान समाज के हर वर्ग ने सुना है, इसके बावजूद मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा अब तक आईएएस संतोष वर्मा पर एफआईआर दर्ज न किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व राष्ट्रीय सवर्ण परिषद् एवं विभिन्न ब्राह्मण संगठनों द्वारा मुख्यमंत्री मोहन यादव के आवास का घेराव करने का प्रयास भी किया गया था, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई सामने नहीं आई है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक ओर दलित वाल्मीकि समाज की स्कॉलर बेटी रोहिणी घावरी के मामले में भी सरकार एफआईआर दर्ज नहीं होने दे रही है, वहीं दूसरी ओर चंद्रशेखर रावण द्वारा बेटियों का अपमान करने वाले आईएएस संतोष वर्मा का समर्थन किया जा रहा है।
आरएसपी राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ‘बेटी बचाओ’ का नारा देने वाली भाजपा सरकार, बेटियों के विरुद्ध अभद्र टिप्पणी करने वालों और समाज में भड़काऊ भाषण देने वालों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें संरक्षण दे रही है। यह न केवल ब्राह्मण, क्षत्रिय एवं सवर्ण समाज की बेटियों का अपमान है, बल्कि पूरे देश की अस्मिता पर आघात है। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश दोनों ही राज्यों में भाजपा की सरकार होने के बावजूद पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
7 दिन का अल्टीमेटम, दिल्ली तक पदयात्रा की चेतावनी
प्रेस वार्ता के दौरान पंकज धवरैय्या ने स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अगले 7 दिनों के भीतर मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आईएएस संतोष वर्मा पर एफआईआर दर्ज कर ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो वे हाथरस से दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय तक विरोध स्वरूप पदयात्रा निकालेंगे। इसके साथ ही दिल्ली में भाजपा मुख्यालय पर समस्त संगठनों के साथ मिलकर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा, जब तक दोषी के विरुद्ध उचित और कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित नहीं हो जाती।















