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सासनी 23 दिसम्बर । आज गांव हासिमपुर में कपिल मुनि गौशाला में श्रीमद भागवत कथा का शुभारंभ कथा व्यास आचार्य स्वदेश जी महाराज द्वारा विधिवत पूजा अर्चना कर किया गया।
आचार्य शैलेंद्र शर्मा द्वारा पूजा अर्चना के बाद गांव में 151 कलश यात्रा निकाली गई। इस दौरान प्रीत वस्त्र पहने महिलाएं सर पर कलश लेकर कपिल मुनि गौशाला से कलश यात्रा कथा पंडाल से शुरू होकर गांव के गली मोहल्ले में होते हुए पुनः कथा पंडाल परिसर में पहुंची। इस दौरान कथा व्यास का गांव में ने जगह-जगह पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। इस मौके पर परीक्षित भगवान की भूमिका कैलाश गौड एवं पत्नी नीरू गौड ने निभाई। इस दौरान कथा व्यास आचार्य स्वदेश जी महाराज ने पहले दिन कथा धुंधकारी की कथा सुनाई। कहा कि आत्मदेव एक वेद पाठी ब्राह्मण थे, बड़े ही विद्वान थे। लेकिन उनके कोई पुत्र नहीं था। वह ग्लानि से भरे हुए एक दिन जंगल में जा पहुंचे। वहां उन्हें एक साधु के दर्शन हुए। साधु ने उन्हें एक फल दिया। और संतान प्राप्ति के लिए पत्नी को खिलाने के लिए कहा।वापस आकर ब्राह्मण ने पत्नी से प्रसाद ग्रहण करने को कहा। पत्नी ने फल स्वयं खाने की जगह गऊ माता और बहन को खिला दिया। प्रसाद ग्रहण के बाद उसके गाय ने गोकरण और बहन ने धुंधकारी नामक पुत्रों को जन्म दिया। धुंधकारी दुराचारी, व्यभिचारी निकला। व्यसन में पड़कर चोरी करने लगा। एक दिन लोभ में आकर इसकी हत्या कर दी। बाद में यह प्रेत बना, जिसकी मुक्ति के लिए गोकर्ण महाराज जी ने भागवत कथा का आयोजन किया। भागवत कथा सुनकर धुंधकारी को मोक्ष की प्राप्ति और प्रेत योनि से मुक्ति मिली। इस दौरान वृंदावन के 31 आचार्य द्वारा मूल पाठ किया गया। इस मौके पर संत रामानंद, छोटे नंद महाराज, सेवानंद महाराज,एवं भक्त मौजूद रहे।

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