
हाथरस 22 दिसंबर । हाथरस में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे हैं कि मोहल्लों और गलियों में छोटे बच्चों का खेलना भी मुश्किल हो गया है। बीते 24 घंटों में कुत्तों के काटने से जख्मी हुए 27 लोग जिला अस्पताल पहुंचे, जिनमें 10 बच्चे शामिल हैं। वहीं पिछले एक महीने के भीतर 1023 लोग कुत्तों के हमले का शिकार हो चुके हैं। शनिवार दोपहर नगला अलगर्जी निवासी पवन के 7 वर्षीय बेटे कृष्णा पर कुत्ते ने हमला कर दिया। बच्चे के हाथ और पैर में गंभीर चोटें आईं, जिसे परिजन आनन-फानन में जिला अस्पताल की इमरजेंसी लेकर पहुंचे, जहां प्राथमिक उपचार किया गया। सादाबाद गेट निवासी उमेश के 10 वर्षीय बेटे सागर पर भी कुत्ते ने हमला कर दिया, जिससे उसके पैर में जख्म हो गया। इसी तरह बागमूला चौराहा निवासी विशाल के 9 वर्षीय बेटे हर्ष पर भी कुत्ते ने हमला किया, जिसे शनिवार शाम जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। नगला टीका निवासी श्याम कुमार के 6 वर्षीय बेटे कार्तिक, ज्ञानगढ़ बगीची निवासी 10 वर्षीय देव उपाध्याय, साकेत कॉलोनी निवासी 12 वर्षीय शौर्य भी कुत्तों के हमले में घायल हुए। इसके अलावा खंदारी गढ़ी निवासी अल्का (17), हतीसा निवासी श्याम (20) और मंडी समिति निवासी तन्नू (27) को भी कुत्तों ने काट लिया। सभी घायलों को जिला अस्पताल में एआरवी इंजेक्शन लगाया गया। जिला अस्पताल में रोजाना औसतन 135 लोग एआरवी इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। इनमें कुत्तों, बंदरों व अन्य जानवरों के हमले में घायल लोग शामिल हैं। इनमें से लगभग 50 मरीज पहली वैक्सीन लगवाने वाले होते हैं, जबकि 35 से 40 लोग कुत्तों के हमले में घायल रहते हैं। सार्वजनिक स्थलों से कुत्तों की संख्या नियंत्रित करने की जिम्मेदारी नगर पालिका की है, लेकिन एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का प्रस्ताव अब तक बोर्ड बैठक में नहीं रखा गया है। अभी तक इसके निर्माण से जुड़ी प्रक्रिया कागजों तक ही सीमित है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजीव रॉय ने बताया कि एआरवी इंजेक्शन की सुविधा अब जिला अस्पताल की इमरजेंसी में भी शुरू कर दी गई है, ताकि छुट्टी के समय भी लोगों को पहली वैक्सीन आसानी से मिल सके। इसके अलावा सभी सीएचसी और पीएचसी पर भी एआरवी इंजेक्शन की व्यवस्था की गई है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी रोहित सिंह ने बताया कि एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। जल्द ही एनिमल कैचर वैन खरीदी जाएगी और कुत्तों को पकड़ने के लिए प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती की जाएगी। प्रक्रिया जारी है और शीघ्र ही शहर की गलियों को निराश्रित जानवरों से मुक्त किया जाएगा।












