
हाथरस 21 दिसंबर । प्रतिवर्ष 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस मनाया जाता है। यह दिवस हमें तनावपूर्ण जीवन से मुक्त होकर शिथिलता, आत्मचिंतन और मानसिक शांति की ओर ले जाने की प्रेरणा देता है। आज के दौर में, जब तनाव और चिंता जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं, ध्यान एक ऐसी प्रभावी औषधि है जो शीघ्रता से मानसिक तनाव को कम करने में पूर्णतः सक्षम है।
ध्यान को समझना आवश्यक है
ध्यान केवल आँखें बंद करके बैठना भर नहीं है, बल्कि यह आत्म-जागरण और आत्म-कल्याण की एक गहन अवस्था है। ध्यान के माध्यम से हम अपने मन को प्रशिक्षित कर उसे सकारात्मक और उपयोगी बना सकते हैं। ध्यान की प्रक्रिया हमें अपने विचारों को बिना किसी निर्णय के देखने की क्षमता प्रदान करती है। भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही ध्यान को आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग माना गया है और आज आधुनिक विज्ञान भी इसके लाभों को स्वीकार कर रहा है।
विश्व ध्यान दिवस का महत्व और ध्यान के प्रमुख लाभ
ध्यान करने से तनाव हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर कम होता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है। नियमित ध्यान एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाता है, जिससे निर्णय लेने की क्षमता और स्मरण शक्ति में सुधार होता है। यह क्रोध, भय और चिंता जैसी नकारात्मक भावनाओं को नियंत्रित करने में सहायक है। साथ ही ध्यान से रक्तचाप, श्वसन तंत्र, हृदय गति और पाचन क्रिया संतुलित रहती है, जिससे शारीरिक स्वास्थ्य भी बेहतर होता है।
वर्तमान समय में ध्यान की आवश्यकता
आज हमारा ध्यान सूचनाओं, सोशल मीडिया और कार्य दबाव में बिखरा रहता है। ऐसे समय में ध्यान हमें यह स्मरण कराता है कि सबसे पहले स्वयं से जुड़ना आवश्यक है, उसके बाद समाज, राष्ट्र, विश्व और अंततः ब्रह्मांड से। विश्व ध्यान दिवस केवल एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली की ओर बढ़ने का संकल्प है। यदि हम प्रतिदिन मात्र 10 से 15 मिनट ध्यान करें, तो न केवल अपने जीवन को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि समाज में भी सकारात्मकता का विस्तार कर सकते हैं।
— डॉ. यू. एस. गौड़
वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक
जिला संघ चालक, हाथरस














