
हाथरस 21 दिसंबर । थाना साइबर क्राइम हाथरस पुलिस ने एक सनसनीखेज कार्रवाई करते हुए विदेशों में नौकरी दिलाने के नाम पर युवकों से लाखों रुपये की ठगी कर उन्हें थाईलैंड के रास्ते म्यांमार भेजकर साइबर अपराध कराने को मजबूर करने वाले अन्तर्राष्ट्रीय साइबर गिरोह के एक और सक्रिय सदस्य प्रमोद कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को नवी मुंबई (महाराष्ट्र) से पकड़ा गया है। इससे पहले इसी गिरोह के दो मुख्य आरोपी संजय कुमार राणा और सचिन राणा को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। जांच में सामने आया है कि गिरोह युवाओं को मर्चेंट नेवी में नौकरी का लालच देकर विदेश भेजता था, जहां उनसे पासपोर्ट छीनकर अमानवीय परिस्थितियों में 18-18 घंटे तक साइबर फ्रॉड कराया जाता था। विरोध करने पर मारपीट और जान से मारने की धमकियां दी जाती थीं। पीड़ितों की शिकायत पर भारतीय दूतावास के सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर युवकों को सुरक्षित भारत वापस लाया गया। पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा के निर्देशन में साइबर क्राइम टीम ने गहन जांच के बाद आरोपी प्रमोद कुमार यादव को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने ठगी की रकम लेने और पहचान छिपाने के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाने की बात कबूल की है।
मुम्बई से दोनों भाईयों को भेजा थाइलैंड
सगीर अली की थाईलैण्ड जाने के लिए मुम्बई अन्तर्राष्ट्रीय छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट से थाईलैण्ड की एयर टिकट व रिटर्न टिकट, होटल बुकिंग, जब ऑफर लेटर प्रमोद कुमार यादव ने भेजे थे। इसके बाद दूसरे भाई को भेजा। एयरपोर्ट से निकलकर साइड में खड़े हो गये, कुछ देर बाद एयरपोर्ट पर ही एक थाईलैण्ड ड्राईवर कार लेकर आया और गाड़ी में बिठाया और सामान रखा, फिर करीब 5 घण्टे की ड्राइव के बाद रात में करीब 2:30 बजे ड्राइवर ने एक होटल में छोड़ा, जो होटल का नाम टिकट के साथ दिया था, उस होटल में ड्राइवर लेकर नहीं गया। दूसरे होटल में लेकर गया था, फिर सुबह करीब 5:30 बजे के आस-पास वही थाईलैण्ड ड्राइवर गाड़ी लेकर आया और दोनों भाईयों को लेकर चल दिया । करीब 2 घण्टे के चलने के बाद जंगल के पास गाड़ी रोकी, वहां पहले से ही एक गाड़ी खड़ी थी। जिसमें 10 से 15 लड़के अलग-अलग देशों के थे, कुछ भारत के भी थे।
जंगल में लगातार बदली गईं गाड़ी
दोनों भाईयों को कार में बिठा दिया और जंगल में लेकर चल दिया, करीब 5 से 6 घण्टे बारी-बारी से गाड़ी चेंज कराते रहे, आखिर में कई घण्टे पैदल चलने के बाद एक झोपड़ी में ले जाकर रोक दिया। रात में करीब 10 बजे के आसपास मोटर वाली वोट से नदी पार कराई और केके पार्क म्यामार में ले गये। वहां जाकर दोनों भाईयों ने आराम किया। एजेन्ट प्रमोद कुमार यादव के मोबाइल फोन पर बात की और उससे बोला कि तुमने हमें थाईलैण्ड में बैंकाक नौकरी के लिए भेजा था, तुमने हमें यहां कहां फंसा दिया। यहां तो साइबर स्लेबरी का काम होता है तो एजेन्ट प्रमोद बोला आप अभी यहीं काम करो पैसे कमाओ और फोन काट दिया।
चाइनीज बोला तुमको साइबर स्लेबरी का काम करना है
चाइनीज लोगों से कहा कि हमें यहां काम नहीं करना है तो थाईलैण्ड में कस्टूमर सर्विस रिप्रेजेटेटिव नौकरी के लिए रूबी ग्रुप ऑफ कम्पनी मीशो थाईलैण्ड के लिए आये थे तो चाइनीज बोला यहां तुम्हें साइबर स्लेबरी का काम करना पड़ेगा। दोनों भाईयों के पासपोर्ट जप्त कर लिए 2-3 दिन तक भूखा रखा। मजबूरी में काम करना पड़ा, फिर उसके बाद एक दिन कम्पनी में भगदड़ मच गई, रैस्क्यू टीम आ गई, जिसको जाना है जा सकते हैं, फिर पुलिस वाले दोनों भाईयों को गाड़ी में बिठाकर म्यामार में ही रिफूजी कैम्प में ले आये। इससे पहले ही हमने अपने पासपोर्ट कम्पनी के ऑफिस से ले लिए थे।
18 नवंबर को लाया गया गाजियाबाद
कुछ दिन रिफूजी कैम्प रहने के बाद 18 नवंबर 2025 इण्डियन एयरफोर्स के प्लेन से हिन्डौन एयरपोर्ट लाया गया, उसके बाद गाजियाबाद से दिल्ली ले गये थे। वहां कई पुलिस एजेन्सियों ने पूछताछ की थी, उसके बाद आनन्द बिहार बस स्टैण्ड से फिरोजाबाद की बस में बिठा दिया और फिर दोनों को भाई घर पहुंचे थे।
शातिर से मांगे पैसे वापस
घर आकर दोनों भाईयों ने प्रमोद से व्हाट्स एप कॉल व मैसेज के द्वारा अपने पैसे वापस मांगने व अपने साथ हुये फ्राड के सम्बन्ध में बात की तो प्रमोद ने कहां कि तुम्हे जो करना वो कर लो, मेरा यही काम है, मैं पैसे नहीं लौटाऊंगा के संबंध में व रुपये ऐंठ लेने के संबंध में मुकदमा दर्ज कर साइबर थाना पुलिस ने मामले की जांच शुरू की।
एसपी ने खुलासे के लिए किया टीमों का गठन
पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा द्वारा पुलिस उपाधीक्षक योगेन्द्र कृष्ण नारायण के पर्यवेक्षण व पुलिस उपाधीक्षक साइबर क्राइम श्यामवीर सिंह के निर्देशन में निरीक्षक आशीष कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। पुलिस टीम ने 19 दिसंबर 2025 को प्रमोद कुमार यादव पुत्र बुद्धु यादव निवासी रूम नंबर 202, बेलापुर गांव, चिन्तामणी बिल्डिंग के पास नवी मुम्बई, थाणे महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया है।
पूछताछ में बोला शातिर
नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले प्रमोद कुमार यादव ने पूछताछ में बताया कि वह बहुआर पोस्ट सिंघरामऊ थाना सिंघरामऊ जोनपुर का मूल निवासी है और वर्तमान में फ्लैट नम्बर 304 सांईकुटिर बिल्डिंग सेन्टर 23 उल्वे थाना सेक्टर 20 उल्वे जिला रायगढ, नवी मुम्बई में रहता है। दो वर्ष से मुम्बई में किराये पर रह रहा है और कन्सनटेल्सी मरीन में कार्य करता है। यहां पर शातिर ने बताया कि दोनों भाईयों को थाईलैण्ड भेज दिया था, जहं पर उन्हे बार्डर क्रास कराकर साइबर स्लेवरी करवायी गई थी।









