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हाथरस 19 दिसंबर । सर्दियों के मौसम में सजने वाले बाहरी वूलन बाजारों पर अब राज्य जीएसटी विभाग की कड़ी नजर है। हिमालयन, तिब्बती समेत अन्य राज्यों से आए कई वूलन कारोबारी बिना जीएसटी बिल के स्वेटर, कंबल, जैकेट, शॉल और अन्य ऊनी वस्तुएं बेच रहे हैं, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है। स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि बाहरी व्यापारी अस्थायी रूप से शहर में दुकानें लगाकर बिक्री कर रहे हैं, लेकिन अधिकतर ग्राहकों को पक्का बिल नहीं दिया जा रहा। कई दुकानों पर केवल कच्ची पर्ची या मौखिक लेनदेन के जरिए बिक्री हो रही है, जो सीधे तौर पर जीएसटी नियमों का उल्लंघन है। राज्य जीएसटी विभाग के अनुसार, बाहर से आकर सीमित समय के लिए व्यापार करने वाले दुकानदारों के लिए 90 दिन के अस्थायी जीएसटी पंजीयन अनिवार्य है। हालांकि, कई बाहरी व्यापारी बिना पंजीयन कारोबार कर रहे हैं। कुछ ने पिछले वर्षों में अस्थायी पंजीयन कराया था, लेकिन इस साल किसी ने भी पंजीयन नहीं लिया। विभाग अब ऐसे सभी बाहरी कारोबारियों की सूची तैयार कर नोटिस जारी करेगा और उन्हें पंजीयन कराने तथा नियमों के तहत बिल जारी करने के निर्देश दिए जाएंगे। नियमों की अनदेखी करने पर जुर्माना और टैक्स वसूली की कार्रवाई भी की जा सकती है। सहायक आयुक्त राज्य कर खंड दो हरिनाथ यादव ने बताया कि अस्थायी बाजार वालों द्वारा पंजीयन न लिए जाने की जानकारी मिली है और नोटिस जारी किए जा रहे हैं। उन्होंने ग्राहकों से अपील की है कि ऊनी वस्त्र खरीदते समय पक्का बिल जरूर लें, ताकि टैक्स चोरी रोकी जा सके और राजस्व की हानि न हो।

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