
हाथरस 18 दिसंबर । आज अलीगढ़ डिवीजन इंश्योरेंस एम्पलाइज एसोसिएशन से संबद्ध आल इंडिया इंश्योरेंस एम्पलाइज एसोसिएशन की शाखा इकाई हाथरस द्वारा सरकार के बीमा संशोधन विधेयक के विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया गया। यह विधेयक संसद में प्रस्तुत किया गया है, जिसके माध्यम से बीमा उद्योग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की सीमा 74 प्रतिशत से बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने का प्रस्ताव है। इस प्रस्ताव के विरोध में बीमा कर्मचारियों एवं अधिकारियों के संयुक्त मोर्चा ने भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) कार्यालय के मुख्य द्वार पर प्रदर्शन करते हुए सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए बीमा कर्मचारी एसोसिएशन के प्रमुख वक्ताओं ने कहा कि बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई का सीधा अर्थ सार्वजनिक नियंत्रण का समाप्त होना है। उन्होंने आशंका जताई कि यदि विदेशी बीमा कंपनियों को पूर्ण स्वतंत्रता दी गई तो घरेलू बीमा कंपनियों के मुनाफे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा तथा सामाजिक सुरक्षा की भावना कमजोर होगी। वक्ताओं ने कहा कि विदेशी कंपनियां मुख्य रूप से आर्थिक रूप से सक्षम वर्ग को ही बीमा सुविधा प्रदान करेंगी, जिससे गरीब, किसान और मजदूर वर्ग बीमा सुरक्षा से वंचित रह सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वदेशी की बात करने वाली सरकार अनावश्यक रूप से एफडीआई सीमा बढ़ा रही है, जबकि वर्तमान 74 प्रतिशत एफडीआई की सीमा भी अभी तक पूरी तरह उपयोग में नहीं लाई जा सकी है। कर्मचारियों ने इसे जनविरोधी और बीमा क्षेत्र के हितों के खिलाफ बताते हुए विधेयक को वापस लेने की मांग की। इस अवसर पर मुकुंद मित्तल, शिवानी जैन, कांता दीक्षित, मंजू देवी, अनुज गर्ग, राजीव गर्ग, महेश वर्मा, अनिल अग्रवाल, कविश उपाध्याय, मुकेश कुमार, विपिन सिंह, सुनील गुप्ता, सोरन लाल, चंद्रमोहन गुप्ता, मुकेश बाबू, रिंकू सिंह, जे.पी. सैनी, राकेश रावत, दाऊदयाल, कैलाश सिंह तथा प्रेम प्रकाश शर्मा सहित बड़ी संख्या में बीमा कर्मचारी उपस्थित रहे।











