
हाथरस 18 दिसंबर । प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के सहज राजयोग प्रशिक्षण केंद्र, आनंदपुरी कॉलोनी हाथरस द्वारा बी.के. शान्ता बहिन के सानिध्य में चलाया गया “मेरा भारत नशा मुक्त भारत” जनजागरूकता अभियान आज सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया। इस अवसर पर अभियान के रथवाहक बी.के. कर्ण भाई को विदाई देकर उनके गंतव्य के लिए रवाना किया गया। समापन अवसर पर बी.के. शान्ता बहिन ने कहा कि 11 दिनों का यह अभियान लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करते हुए कब पूरा हो गया, इसका अहसास ही नहीं हुआ। निस्वार्थ भाव से जनकल्याण और जनजागरूकता के लिए किए गए प्रयासों से न केवल दुआएँ मिलती हैं, बल्कि आत्मिक खुशी की अनुभूति भी होती है। कार्यक्रम के मीडिया कोऑर्डिनेटर बी.के. दिनेश भाई ने जानकारी देते हुए बताया कि “मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत” अभियान संगठन के मेडिकल विंग द्वारा वर्ष 2012 से निरंतर चलाया जा रहा है। वर्तमान में यह अभियान “मेरा भारत नशा मुक्त भारत” के नाम से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मेडिकल विंग, भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के सानिध्य में पूरे देश में संचालित हो रहा है। अभियान के अंतर्गत एलईडी युक्त संदेश वाहनों एवं कुम्भकरण की झांकी के माध्यम से देश के 375 जिलों में सघन जनजागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। बी.के. शान्ता बहिन ने बताया कि हाथरस एवं आनंदपुरी कॉलोनी केंद्र से जुड़े हसायन, इगलास, सासनी, मडराक आदि क्षेत्रों के 54 गांवों, 43 स्कूलों व कॉलेजों तथा 9 सरकारी संस्थानों में अभियान के माध्यम से जागरूकता फैलाई गई, जिससे लगभग 28 हजार लोगों को नशा मुक्ति का संदेश दिया गया। गौरतलब है कि हाथरस में इस अभियान की शुरुआत सासनी तहसील परिसर से जिलाधिकारी अतुल वत्स, पुलिस अधीक्षक चिरंजीव नाथ सिन्हा एवं उपजिलाधिकारी नीरज कुमार द्वारा बाबा का शिव ध्वज लहराकर की गई थी। समापन अवसर पर बी.के. शान्ता बहिन एवं अन्य ब्रह्मावत्सों द्वारा बी.के. कर्ण भाई को पीत वस्त्र एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर पूर्व सहायक कोषाधिकारी दाऊदयाल अग्रवाल, अरविन्द अग्रवाल, राजू अग्रवाल, निरंजन लाल, पूर्व फौजी केशवदेव, भीमसैन, गजेन्द्र सिंह, राजेश शर्मा, लक्ष्मी बहिन, वन्दना बहिन, अस्मिता बहिन, सृष्टि बहिन, सरोज, पूजा बहिन, राधा सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।











