
हाथरस 16 दिसंबर । सर्दी के मौसम में जहां ठंड से राहत का अनुभव होता है, वहीं इस मौसम में हृदय रोगों का खतरा भी बढ़ जाता है। वरिष्ठ होम्यो चिकित्सक डॉ. यू.एस. गौड़ ने बताया कि विभिन्न अध्ययनों के अनुसार ठंड के महीनों में दिल के दौरे और मस्तिष्क आघात का जोखिम सामान्य दिनों की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत तक बढ़ जाता है। ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ता है और हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। साथ ही रक्त के गाढ़ा होने, शारीरिक गतिविधि में कमी और तैलीय भोजन के अधिक सेवन से भी हृदय रोगों की आशंका बढ़ जाती है। डॉ. गौड़ ने हृदय को सुरक्षित रखने के लिए सर्दियों में शरीर को गर्म रखने, सिर, कान, हाथ और पैरों को ढकने, अत्यधिक ठंड में बाहर निकलने से बचने और नियमित व्यायाम को दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी। उन्होंने संतुलित व पौष्टिक आहार लेने, पर्याप्त मात्रा में गुनगुना पानी पीने, नमक व वसा युक्त भोजन सीमित रखने तथा शराब व धूम्रपान से दूर रहने पर जोर दिया। इसके अलावा नियमित रूप से रक्तचाप व रक्त शर्करा की जांच, दवाओं का समय पर सेवन और किसी भी असामान्य लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि सर्दी का मौसम विशेष रूप से वृद्धों और हृदय रोगियों के लिए अतिरिक्त सावधानी का समय होता है। जागरूकता, अनुशासित जीवनशैली और सही देखभाल अपनाकर ठंड के मौसम का आनंद लेते हुए भी हृदय को स्वस्थ और सुरक्षित रखा जा सकता है।












