
हाथरस 15 दिसंबर । मिलावटी खाद्य पदार्थों के निर्माण एवं बिक्री पर प्रभावी रोकथाम के उद्देश्य से जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी अतुल वत्स की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने स्पष्ट निर्देश दिए कि आमजन को शुद्ध, सुरक्षित एवं मानक अनुरूप खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है और मिलावटखोरी जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है, जिसे किसी भी स्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने खाद्य सुरक्षा विभाग को नियमित व सघन निरीक्षण अभियान चलाने, बाजारों, होटल-ढाबों, मिठाई प्रतिष्ठानों, डेयरी इकाइयों एवं खाद्य निर्माण स्थलों से निरंतर नमूने लेकर जांच कराने तथा निरीक्षण के उपरांत आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित के विरुद्ध खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के अंतर्गत कठोर दंडात्मक कार्रवाई, आवश्यकता पड़ने पर खाद्य लाइसेंस निरस्तीकरण के भी निर्देश दिए गए। जिलाधिकारी ने दूध व दुग्ध उत्पादों, मसालों और खाद्य तेलों में होने वाली मिलावट पर विशेष निगरानी रखने, मिलावटी खाद्य पदार्थों के कारोबार में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध छापेमारी कर प्रवर्तन कार्रवाई सुनिश्चित करने तथा एफएसडब्ल्यू वैन व अन्य माध्यमों से खाद्य कारोबारकर्ताओं व उपभोक्ताओं को मिलावट की पहचान और दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने पर जोर दिया। साथ ही नकली व अधोमानक दवाइयों की बिक्री रोकने के लिए विभिन्न विभागों से समन्वय कर कार्रवाई करने तथा बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों से स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश भी दिए गए। बैठक में सहायक आयुक्त खाद्य/अभिहित अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में नवंबर 2025 तक 1351 प्रतिष्ठानों का निरीक्षण, 168 स्थानों पर छापेमारी कर 411 नमूने संग्रहित किए गए, जिनमें से 371 की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। इनमें 172 नमूने अधोमानक, 16 असुरक्षित, 2 मिथ्या/छाप नियमों का उल्लंघन तथा 190 नमूने मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। इस दौरान एओ कोर्ट व न्यायिक न्यायालय में दर्ज मामलों में एक करोड़ से अधिक की वसूली व 30 आरोपियों को सजा दी गई है। बैठक में अपर जिलाधिकारी न्यायिक सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।















