
हाथरस 13 दिसंबर । दून पब्लिक स्कूल में आज सीबीएसई द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला “स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ–2023)” सफलतापूर्वक सम्पन्न हुई। कार्यशाला का आयोजन विद्यालय के प्रधानाचार्य जे.के. अग्रवाल के कुशल नेतृत्व एवं जनपद हाथरस के ट्रेनिंग कोऑर्डिनेटर के मार्गदर्शन में विद्यालय के भव्य सभागार में गरिमामय वातावरण में किया गया। कार्यशाला में रिसोर्स पर्सन के रूप में संजय कुमार शर्मा, प्रधानाचार्य ड्रीम डिजायर इंटरनेशनल स्कूल, जगनेर (आगरा) एवं डॉ. शिखा शर्मा, उप-प्रधानाचार्या संतोष इंटरनेशनल स्कूल, बुलंदशहर उपस्थित रहीं। कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ समन्वयक रीटा शर्मा एवं रिसोर्स पर्सनों द्वारा मां शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं मंत्रोच्चारण के साथ किया गया। इसके पश्चात सीबीएसई इंचार्ज शुभम गर्ग एवं वरिष्ठ समन्वयक रीटा शर्मा ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ एवं राधे वस्त्र भेंट कर स्वागत किया। कार्यशाला के प्रथम चरण में परिचय एवं अनुभव साझा सत्र आयोजित हुआ, जिसके बाद वरिष्ठ समन्वयक रीटा शर्मा ने प्रधानाचार्य जे.के. अग्रवाल तथा दोनों रिसोर्स पर्सनों का औपचारिक परिचय प्रस्तुत किया। कार्यशाला में विभिन्न विद्यालयों के लगभग 60 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की। विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति–2020 के अंतर्गत विकसित एनसीएफ–2023 के प्रमुख बिंदुओं—5+3+3+4 शिक्षासंरचना, बहुभाषावाद, व्यावसायिक शिक्षा, समग्र एवं दक्षतामुखी शिक्षण—पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि एनसीएफ–2023 का उद्देश्य शिक्षा को अधिक व्यवहारिक, कौशल-आधारित, आनंददायी एवं छात्र-केंद्रित बनाना है, जिससे विद्यार्थी भविष्य की चुनौतियों के लिए सक्षम हो सकें।
इस अवसर पर प्रधानाचार्य जे.के. अग्रवाल ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा कि राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा–2023 भविष्य की शिक्षा की दिशा निर्धारित करती है। एक शिक्षक तभी सफल है जब वह छात्र को केवल विषय ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन कौशल भी सिखाए। उन्होंने कहा कि दून पब्लिक स्कूल शिक्षकों को सशक्त बनाने तथा नवीनतम शैक्षिक परिवर्तनों से जोड़ने के लिए निरंतर ऐसे आयोजनों के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यशाला के दौरान शिक्षकों ने अपने अनुभव साझा किए तथा विशेषज्ञों ने उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण को उपयोगी बताते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम शिक्षण को अधिक प्रभावी, रोचक एवं छात्र-केंद्रित बनाते हैं। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों का सामूहिक फोटो लिया गया।














