
हाथरस 13 दिसंबर । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में आज जनपद न्यायाधीश विनय कुमार की अध्यक्षता में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम में जनपद न्यायालय के समस्त न्यायिक अधिकारीगण, जिला बार एसोसिएशन के अधिवक्ता, बैंक अधिकारी-कर्मचारी, वादकारीगण, कर्मचारीगण एवं पत्रकार बंधु उपस्थित रहे। वर्ष 2025 की इस चतुर्थ राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकृति के कुल 67,673 वादों का निस्तारण किया गया, जिससे वादकारियों को त्वरित व सुलभ न्याय मिला। लोक अदालत के दौरान 37 मोटर दुर्घटना प्रतिकर वादों का निस्तारण कर 3 करोड़ 13 लाख 13 हजार रुपये का प्रतिकर दिलाया गया। इसके अलावा 71 सिविल वाद, 22 पारिवारिक वाद, 500 विद्युत अधिनियम वाद, 2 एनआई एक्ट (धारा 138) वाद, 31,125 राजस्व वाद, 8 उपभोक्ता वाद, 7,541 लघु आपराधिक वाद तथा 2 श्रम वादों का निस्तारण किया गया। लघु आपराधिक व श्रम वादों में कुल 8,43,380 रुपये अर्थदंड के रूप में वसूले गए। प्री-लिटिगेशन स्तर पर बैंक एवं विद्युत विभाग के 28,362 मामलों का निस्तारण कर लगभग 14 करोड़ 58 लाख रुपये की धनराशि में समझौता कराया गया। परिवार न्यायालय हाथरस से 22 पारिवारिक वादों का निस्तारण हुआ, जिनमें से 6 जोड़े आपसी सहमति से पुनः साथ रहने को राजी हुए, जो लोक अदालत की मानवीय और सकारात्मक भूमिका को दर्शाता है। वहीं स्थायी लोक अदालत, जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण सहित विभिन्न न्यायालयों द्वारा अपने-अपने स्तर पर बड़ी संख्या में वादों का समाधान किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत के समापन पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के सचिव एवं अपर जनपद न्यायाधीश प्रशांत कुमार ने सभी न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, प्रशासनिक अधिकारियों एवं कर्मचारियों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि लोक अदालतें आमजन को कम समय में न्याय दिलाने का सशक्त माध्यम हैं और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों से न्याय व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।














