
हाथरस 12 दिसंबर । हाथरस जिले में निराश्रित और बेसहारा गौवंश के प्रभावी संरक्षण, देखभाल और प्रबंधन को लेकर जनपद स्तरीय अनुश्रवण, मूल्यांकन एवं समीक्षा समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी अतुल वत्स ने की। उन्होंने निर्देश दिए कि खुले में घूम रहे गौवंश को गौशालाओं में संरक्षित किया जाए और शीतकालीन बचाव के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाएँ। बैठक में जिलाधिकारी ने जिले की गौशालाओं की स्थिति, क्षमता, चारे की उपलब्धता, चिकित्सा सुविधाएँ, टीकाकरण और निराश्रित गौवंश के स्थायी संरक्षण पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी खंड विकास अधिकारियों और उप जिलाधिकारियों को समय-समय पर गौशालाओं का निरीक्षण करने, क्षमता से अधिक गौवंश होने पर अन्य गौशालाओं में स्थानांतरण सुनिश्चित करने और सीसीटीवी कैमरों की सही संचालन स्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने निराश्रित गौवंश की पहचान अभियान चलाने, चारा, पानी और चिकित्सा सुविधाओं की नियमित मॉनिटरिंग, असंचालित गौशालाओं को तुरंत संचालित करने तथा खुले में घूम रहे गौवंश को पकड़कर सुरक्षित स्थानों पर रखने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि विद्युत कनेक्शन और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएँ और जहां भी लापरवाही पाई जाएगी, वहां कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि वर्तमान में जनपद में अस्थायी और अन्य गौ आश्रय स्थलों में कुल 10,154 निराश्रित गौवंश संरक्षित हैं। जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों और विभागों को निर्देश दिए कि संरक्षित गौवंश के लिए भूसा, ठंड से बचाव और अन्य सुविधाएँ समय पर उपलब्ध कराई जाएँ। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक, परियोजना निदेशक, मुख्य चिकित्साधिकारी, समस्त उप जिलाधिकारी, जिला विकास अधिकारी, उप निदेशक कृषि, अधीक्षण अभियंता विद्युत, अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग, जिला कार्यक्रम अधिकारी, जिला समाज कल्याण अधिकारी, समस्त खंड विकास अधिकारी और समस्त अधिशासी अधिकारी नगर पालिका/नगर पंचायत उपस्थित रहे।















