
हाथरस 04 दिसंबर । पुलिस महानिदेशक द्वारा संचालित ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत महिला एवं बाल सुरक्षा से जुड़े मामलों में त्वरित एवं प्रभावी न्याय सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक हाथरस के निर्देशन में मॉनिटरिंग सेल एवं अभियोजन टीम द्वारा की गई मजबूत पैरवी के परिणामस्वरूप माननीय अदालत एडीजे/पॉक्सो-1 हाथरस ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। थाना हाथरस जंक्शन क्षेत्र से जुड़े अपहरण एवं पॉक्सो एक्ट के मामले में अभियुक्त अली अरहम पुत्र असलम, निवासी कोलकाता, पश्चिम बंगाल को विभिन्न धाराओं में कुल 10 वर्ष का कठोर कारावास तथा ₹16,000 अर्थदंड की सजा सुनाई गई है। उक्त प्रकरण में पीड़िता की मां ने दिनांक 14 नवंबर 2024 को अपनी पुत्री के स्कूल से वापस न लौटने की सूचना दी थी, जिस पर थाना हाथरस जंक्शन में धारा 137(2) बीएनएस के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। विवेचना के दौरान अभियुक्त का नाम सामने आया और पीड़िता के बयान, शैक्षिक प्रमाणपत्र एवं अन्य साक्ष्यों के आधार पर मुकदमे में धारा 87/64 बीएनएस एवं पॉक्सो एक्ट की बढ़ोतरी की गई। तत्पश्चात अभियुक्त के विरुद्ध आरोप पत्र 8 दिसंबर 2024 को न्यायालय में प्रेषित किया गया। ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत महिला संबंधी गंभीर अपराधों में दोषियों को अधिकतम एवं त्वरित दंड दिलाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक हाथरस के निर्देशन में इस मामले की सावधानीपूर्वक मॉनिटरिंग की गई। मॉनिटरिंग सेल एवं अभियोजन टीम द्वारा न्यायालय में प्रभावी पैरवी की गई, जिसके आधार पर न्यायालय ने अभियुक्त को धारा 137(2) बीएनएस में 3 वर्ष का कठोर कारावास व ₹3,000 अर्थदंड, धारा 87 बीएनएस में 3 वर्ष का कठोर कारावास व ₹3,000 अर्थदंड तथा पॉक्सो एक्ट की धारा 4 में 10 वर्ष का कठोर कारावास व ₹10,000 अर्थदंड से दंडित किया। यह कार्रवाई जनपद हाथरस में महिला एवं बाल सुरक्षा के प्रति पुलिस की संवेदनशीलता एवं अपराधियों के विरुद्ध कठोर रुख को दर्शाती है।













