
हाथरस 03 दिसंबर । यदि किसी व्यक्ति का प्राइवेट या सरकारी अस्पताल में टीबी संक्रमण की पुष्टि होती है या वह टीबी की दवा ले रहा है, तो उसके घर के सभी सदस्यों को भी टीपीटी (टीबी प्रीवेंटिव ट्रीटमेंट) की दवा दी जाती है, ताकि बीमारी परिवार के अन्य सदस्यों में न फैल सके। टीपीटी की यह दवा तीन महीने तक चलती है। इलाज शुरू करने से पहले रोगी के घर के सभी सदस्यों का एक्स-रे कराया जाता है। यदि एक्स-रे असामान्य आता है तो उनकी नाट जांच कराकर जरूरत पड़ने पर टीबी का पूरा इलाज शुरू किया जाता है, जबकि एक्स-रे सामान्य होने पर टीपीटी दी जाती है। यह दवा तथा इसकी जांचें सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध हैं। बागला संयुक्त जिला चिकित्सालय, मटरूमल धन्नालाल क्षय चिकित्सालय हाथरस, तथा सीएचसी सासनी, हसायन, सिकंदराराऊ, महुवा, सहपऊ, सादाबाद और मुरसान में एक्स-रे की सुविधा निःशुल्क है। टीपीटी में मुख्य रूप से आइसोनियाजिड एवं रिफापेंटीन दवाएं दी जाती हैं, जिनके सेवन से परिवार के सदस्य सुरक्षित और स्वस्थ रहते हैं।










