सिकंदराराऊ (हसायन) 27 नवंबर । कोतवाली क्षेत्र के अंडौली–पुरदिलगर–गडौला मार्ग स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति परिसर में संदिग्ध परिस्थितियों में मिले 10 अवैध कारतूस प्रकरण में पुलिस सात दिन बाद भी कोई सुराग नहीं जुटा पाई है। घटना 18 नवंबर, मंगलवार की सुबह करीब 6:30 बजे सामने आई थी, जब सफाई कर्मचारियों ने मूर्ति की सीढ़ियों पर सफेद रंग के रूमाल में किसी वस्तु को संदिग्ध हालत में देखा। सूचना मिलते ही नगर पंचायत के मुख्य सफाई निरीक्षक मौके पर पहुंचे। रूमाल खोलने पर 8 जिंदा और 2 खोखा कारतूस मिलने से हड़कंप मच गया। आसपास मौजूद सफाई कर्मचारी, स्थानीय निवासी और मॉर्निंग वॉक पर निकले लोग घबराहट में आ गए। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। लेकिन घटना के 10 दिन बाद और रिपोर्ट दर्ज होने के 7 दिन बाद भी पुलिस यह पता नहीं लगा पाई है कि मूर्ति की सीढ़ियों पर कारतूस रखने वाला संदिग्ध कौन था। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि मूर्ति स्थल पर रातभर पुलिस फोर्स और होमगार्ड तैनात रहते हैं, फिर भी इतनी संवेदनशील जगह पर कोई अज्ञात व्यक्ति कारतूस रखकर कैसे चला गया? स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि कारतूसों के स्थान पर कोई और घातक सामग्री रख दी जाती, तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। इसलिए यह घटना कस्बे और आसपास के क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा करती है। पुलिस अभी तक न CCTV की ठोस जांच दिखा पाई, न संदिग्ध की तलाश में कोई दृश्यमान प्रगति कर पाई है। लोग पूछ रहे हैं कि जब व्यस्ततम तिराहा और सुरक्षा तैनाती के बावजूद कारतूस रखे जा सकते हैं, तो सुरक्षा व्यवस्था आखिर किस भरोसे चल रही है? स्थानीय नागरिकों ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस प्रशासन से जल्द से जल्द खुलासा करने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की मांग की है।










