
हाथरस 26 नवंबर । भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) की हाथरस शाखा में आज सरकार द्वारा 21 नवम्बर को अधिसूचित 4 नई श्रम संहिताओं के विरोध में कर्मचारियों ने जोरदार प्रदर्शन और नारेबाजी की। प्रमुख वक्ताओं ने आरोप लगाया कि नई श्रम संहिताओं के माध्यम से सरकार फिक्स्ड टर्म एम्प्लॉयमेंट को कानूनी मान्यता देकर सार्वजनिक क्षेत्र में ठेकेदारी को बढ़ावा दे रही है, जिसके चलते श्रमिकों को निश्चित अवधि पूर्ण होते ही बिना नोटिस और बिना मुआवजे के हटाया जा सकेगा। वक्ताओं ने कहा कि इन प्रावधानों के जरिए सरकार हायर एंड फायर नीति को आसान बना रही है तथा सेवा समाप्ति या छंटनी के लिए एंप्लॉयर को अब सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। संगठन ने आरोप लगाया कि नई संहिताएँ मजदूरों के हड़ताल के अधिकार को सीमित करती हैं और कर्मचारी-मजदूर वर्गों के बीच भ्रम पैदा करती हैं। साथ ही सरकार पहले ही भविष्य निधि अंशदान को 12% से घटाकर 10% कर चुकी है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि व्यावसायिक सुरक्षा संहिता में सार्वजनिक संस्थाओं को 8 घंटे की अधिकतम कार्य अवधि में छूट देकर सप्ताह में 90 घंटे तक काम कराने की संभावनाएँ खुल रही हैं। एआईआईईए (All India Insurance Employees Association) के आह्वान पर देशभर की सभी LIC शाखाओं में आज विरोध प्रदर्शन किया गया। हाथरस शाखा के प्रदर्शन में अनुज गर्ग, राजीव गर्ग, श्रीमती कांता दीक्षित, मंजू देवी, शिवानी जैन, दाऊदयाल, प्रदीप अग्निहोत्री, विनोद अग्रवाल, मुकेश कुमार, मुकुंद मित्तल, राकेश रावत, मुकेश शर्मा, दिनेश कुमार, सोनू कुमार, शीतल वर्मा, रामबाबू और प्रेम प्रकाश शर्मा सहित कई कर्मचारी मौजूद रहे।













