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हाथरस 26 नवंबर । भारत के संविधान दिवस के अवसर पर आज राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशन में सरस्वती महाविद्यालय हाथरस में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष विनय कुमार के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, हाथरस के तत्वावधान में अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। शिविर में उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए सचिव प्रशांत कुमार ने संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, जबकि इसकी रूपरेखा 26 नवंबर 1949 को तैयार की गई थी। इसीलिए पूरे देश में 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने संविधान की उद्देशिका का सामूहिक पाठ कराया और सभी को शपथ दिलाई। उन्होंने छात्रों को मौलिक अधिकारों, कानून के महत्व और न्याय प्राप्ति की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कानून की जानकारी होने से हम शोषण और उत्पीड़न से बच सकते हैं तथा सक्षम न्यायालय या प्राधिकरण के समक्ष अपना पक्ष मजबूती से रख सकते हैं। शिक्षा के अधिकार पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि 6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार प्राप्त है।

स्थायी लोक अदालत के सदस्य मनीष कौशिक ने यातायात, बिजली-पानी, बैंकिंग, स्वास्थ्य, बीमा, डाक सेवाओं आदि से संबंधित सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं के विवादों के निःशुल्क समाधान की प्रक्रिया के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या स्थायी लोक अदालत में लिखित रूप में दर्ज करा सकता है। अधिवक्ता गोविन्द उपाध्याय ने छात्रों को शिक्षा के महत्व से अवगत कराते हुए संविधान में महिलाओं को प्राप्त अधिकारों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिलाओं के हितार्थ विभिन्न संस्थानों में समितियाँ गठित की जाती हैं, जो महिलाओं से संबंधित मामलों को देखती हैं। प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. अतीत श्रीवास्तव ने संविधान की समानता, न्याय, स्वतंत्रता और बंधुत्व के सिद्धांतों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान सभी पर समान रूप से लागू होता है और इसमें कोई बड़ा-छोटा नहीं होता। अंत में पीएलवी साहब सिंह, ओमप्रकाश सारस्वत और गायत्री कुमारी द्वारा छात्रों को विधिक सेवा प्राधिकरण की सेवाओं, उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। कार्यक्रम में डॉ. देवप्रकाश, डॉ. फैजिया सिद्दीकी, आनंद कुमार एवं राजकुमार सहित महाविद्यालय के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।

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