सिकंदराराऊ (हसायन) 23 नवंबर । कोतवाली क्षेत्र के स्थानीय कस्बा के अंडौली पुरदिलगर गडौला मार्ग स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति के पथ की सीढियों पर गत सात दिन पूर्व मंगलवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मिले दस अवैध कारतूस प्रकरण में पुलिस सात दिन व्यतीत हो जाने के बाद भी कोई सुराग भी नही लगा पाई है।कस्बा के व्यस्तम रहने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय तिराहा मार्ग पर सात दिन पूर्व दिन मंगलवार को सुबह साढे छह बजे के करीब नगर पंचायत में साफ सफाई का कार्य करने वाले सफाई कर्मचारियों को एक छोटे से वस्त जैसे सफेद रंग के रूमाल में मूर्ति की सीढियों पर कुछ संदिग्ध रूप से रखी हुई वस्तु दिखाई दी।सफाई कर्मचारियो ने तत्काल मूर्ति की सीढियाें पर रखे हुए सफेद रंग वाले रूमाल में कुछ सामान या किसी वस्तु के लिपटे हुए रखे होने की जानकारी नगर पंचायत के मुख्य सफाई निरीक्षक सुपरवाइजर विनीत कुमार बाल्मीकि को दी थी।विनीत कुमार बाल्मीकि ने मूर्ति स्थल पर पहुंचकर मूर्ति की सीढियो पर संदिग्ध रूप से लिपटे हुए सामान सहित रखे रूमाल को उठाकर रूमाल को देखा।तो सफाई कर्मचारी विनीत बाल्मीकि सहित कस्बा के तमाम नागरिक वाशिंदो के अलावा राहगीरो के साथ सुबह चहलकदमी दौड लगाकर मॉर्निंग वॉक के लिए जाने वाले लोगों मे भी एक साथ दस अवैध कारतूसों में दो खोखा कारतूस व आठ जिंदा कारतूस देख खलबली मच गई।
घटना के बाद पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कर लिए जाने के बाद सात दिन व्यतीत होने के बाद भी काेतवाली पुलिस संदिग्ध रूप से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति की सीढियो पर सफेद रंग स्वरूप रूमाल जैसे वस्त्र में मिले दस कारतूसों के रखे जाने के बारे में अभी तक कोई जांच छानबीन पडताल कर यह भी पता नही लगा पाई कि रातभर मूर्ति पथ के आसपास पुलिस फौर्स होमगार्ड तैनात रहने के बाद आखिर इन कारतूसों को कौन यहा पर रख गया। कस्बा में इतनी बडी संख्या कारतूसों के संदिग्ध रूप से मिलने के बाद नगर व क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल खडे हो रहे है। कस्बा व देहात क्षेत्र में संदिग्धावस्था में मूर्ति की सीढियो के आसपास रात्रि में पुलिस सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात कार्यरत होने के बाद भी आखिर कहां से कौन आकर इन कारतूसों को रख गया।कहीं अगर किसी तरह से संदिग्ध परिस्थितियों में कोई अन्य घातक सामिग्री होती तो जनमानस के साथ साथ नगर के वाशिंदो के लिए भी घातक साबित हो सकता था। कारतूस मिलने की घटना को अंजाम देने वाले संदिग्ध की खोजबीन करने के बजाए स्थानीय पुलिस शांत तरीके से हाथ पर हाथ रखकर बैठी हुई है।