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हाथरस 21 नवंबर । आज पूर्व ऊर्जा मंत्री स्वर्गीय रामवीर उपाध्याय के 90 वर्षीय पिता रामचरण उपाध्याय के निधन की खबर ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया। गुरुवार देर रात बामौली हाउस में उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, जहाँ देर रात तक श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा रहा। हर कोई उनके सरल, शांत और सम्मानित व्यक्तित्व को याद करता दिखाई दिया।

सुबह निकली अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

शुक्रवार सुबह जैसे ही बामौली हाउस से उनकी अंतिम यात्रा निकली, हजारों लोगों का सैलाब उमड़ पड़ा। शव यात्रा मुरसान गेट, कोटा, कपूरा, बमनई सहित प्रमुख मार्गों से गुजरती हुई पैतृक गाँव बामौली पहुँची। रास्ते भर लोग घरों से बाहर निकलकर सड़क किनारे खड़े हो गए और नम आंखों से अंतिम नमन किया। वातावरण “रामचरण उपाध्याय अमर रहें” के नारों से गूँजता रहा। यह दृश्य बताता था कि रामचरण उपाध्याय केवल एक परिवार नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की भावनाओं से जुड़े हुए थे।

पैतृक गाँव में उमड़ा अभूतपूर्व जनसमूह

बामौली पहुँचने पर पाया गया कि गाँव में सुबह से ही जनसमूह जुटना शुरू हो चुका था। ग्रामीणों के साथ-साथ राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि, व्यापारी, सामाजिक संगठन और दूर-दूर से आए समर्थक अंतिम दर्शन हेतु मौजूद थे। गाँव का माहौल पूरी तरह शोकग्रस्त था और हर चेहरा गमगीन दिखाई दे रहा था।

बड़े बेटे रामवीर उपाध्याय की समाधि के पास हुआ अंतिम संस्कार

परंपरागत रीति के अनुसार मुखाग्नि उनके पुत्र एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विनोद उपाध्याय ने दी। परिवार की इच्छा और भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उनका अंतिम संस्कार उनके बड़े बेटे और लोकप्रिय नेता स्व. रामवीर उपाध्याय की समाधि के बिल्कुल निकट किया गया। यह पल उपस्थित सभी लोगों के लिए अत्यंत भावुक कर देने वाला रहा। कई लोग अपने आँसू रोक नहीं सके।

पूरा क्षेत्र शोक में डूबा

रामचरण उपाध्याय को क्षेत्र में अत्यंत सम्मानित, सरल स्वभाव के और सभी वर्गों के हितैषी व्यक्ति के रूप में जाना जाता था। उनके निधन से न केवल परिवार, बल्कि पूरा क्षेत्र शोकाकुल है। जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, उद्योग प्रतिनिधियों और हजारों ग्रामीणों ने परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।शोक संवेदना व्यक्त करने वालों में प्रमुख रूप से सांसद सतीश गौतम, सांसद अनूप बाल्मिकी, विधायक अंजुला माहौर, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा, बृजबहादुर भारद्वाज, विधायक वीरेंद्र सिंह राणा, विधायक गुड्डू चौधरी, सदस्य विधान परिषद मानवेंद्र गुरु जी, पूर्व सांसद राजेश दिवाकर, चेयरमैन श्वेता दिवाकर, जिलाध्यक्ष शरद माहेश्वरी, ब्लॉक प्रमुख पूनम चौधरी, गिरेन्द्र चौधरी, गिरीश पचौरी, संदीप शर्मा, जितेंद्र फौजी, प्रशांत शर्मा, चेयरमैन हर्षकांत कुशवाह सहित विभिन्न क्षेत्रों के हजारों लोग मौजूद रहे।

पिछले तीन दशक से राजनीति में मजबूत पकड़
रामचरण उपाध्याय के परिवार को जिले में अत्यधिक सम्मान प्राप्त है। उनके छः पुत्र और दो पुत्रियाँ हैं। परिवार के कई सदस्य आज भी महत्वपूर्ण राजनीतिक और प्रशासनिक जिम्मेदारियों पर कार्यरत हैं। रामचरण उपाध्याय के बड़े पुत्र रामवीर उपाध्याय, बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे, जिनका 2021 में निधन हो चुका है। वहीं उनकी पुत्रवधु और पूर्व मंत्री रामवीर उपाध्याय की पत्नी हाथरस से मौजूदा जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। छोटे पुत्र रामेश्वर उपाध्याय मुरसान के ब्लॉक प्रमुख हैं। पुत्र विनोद उपाध्याय पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। पुत्र मुकुल उपाध्याय राज्य मंत्री एवं विधायक रहे। वहीं उनके दो बेटे प्रमोद उपाध्याय व महेश उपाध्याय सरकारी अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। परिवार को क्षेत्र की प्रभावशाली राजनीतिक विरासत के लिए जाना जाता है।
बेटे रामवीर का परिवहन मंत्री बनना पिता के लिए गर्व का क्षण
रामचरण उपाध्याय स्वयं उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में कर्मचारी रहे। उनके बड़े पुत्र रामवीर उपाध्याय जब राज्य सरकार में परिवहन विभाग के कैबिनेट मंत्री बने, तो यह उनके जीवन का सबसे गर्वपूर्ण क्षण था। वे अक्सर कहा करते थे कि मेरे बेटे ने मेरे ही विभाग को ऊँचाई दी, और यह पूरे परिवार के लिए सम्मान की बात मानी जाती थी।

 

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