
हाथरस 20 नवंबर ।हाथरस जनपद में मर्चेंट नेवी में नौकरी दिलाने के नाम पर हुई एक बड़ी साइबर ठगी और मानव तस्करी जैसे प्रकरण का पर्दाफाश हुआ है। सादाबाद क्षेत्र के नगला बहादुर गांव की युवती राखी को छह लाख रुपये की ठगी का शिकार बनाकर अन्तरराष्ट्रीय साइबर क्राइम गैंग के हवाले कर दिया गया। यही नहीं, युवती और उसके साथी हरीश को थाईलैंड तक ले जाकर नदी के रास्ते अवैध रूप से सीमा पार कराकर म्यांमार में मौजूद साइबर फ्रॉड सिंडिकेट को बेच दिया गया, जहां दोनों को 18-18 घंटे साइबर ठगी करने के लिए मजबूर किया गया। भूखे-प्यासे बदतर हालात में रखने के साथ पासपोर्ट भी छीन लिया गया और फौजी वर्दी में गुंडों द्वारा लगातार धमकाकर ‘साइबर स्लेवरी’ कराई जाती रही।
पीड़िता राखी ने जून 2024 में चेन्नई के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में जीपी रेटिंग कोर्स जॉइन किया था, जहां उसकी मुलाकात हरीश से हुई। नौकरी की तलाश के दौरान सीनियर ने युवती का संपर्क एक शातिर संजय राणा से कराया, जिसने खुद को मेरलॉयन मैनेजमेंट एंड एजुकेशन सेंटर का डायरेक्टर बताया। नौकरी का दबाव बढ़ने पर संजय ने थाईलैंड में रह रहे अपने साथी साइबर क्रिमिनल सचिन राणा की मदद से युवती और उसके साथी को सितंबर 2025 में दिल्ली से थाईलैंड भेज दिया। वहां पहुंचने के बाद दोनों को वाहनों से घुमाते हुए नदी के रास्ते सीमा पार कराकर म्यांमार में साइबर अपराधियों को सौंप दिया गया, जहां उन्हें साइबर फ्रॉड का प्रशिक्षण देकर काम पर लगाया गया। कई दिनों की अमानवीय यातनाओं के बाद एक भारतीय नागरिक की शिकायत पर म्यांमार में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया और युवती सहित अन्य भारतीयों को थाईलैंड लाकर सेंटर में रखा गया। इसके बाद भारतीय वायुसेना के विमान के जरिए सात नवंबर 2025 को इन्हें भारत वापस लाया गया।
देश लौटते ही युवती ने संजय राणा से छह लाख रुपये वापस मांगे, लेकिन उसने धमकी देते हुए पैसे लौटाने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद पीड़िता ने थाना साइबर क्राइम हाथरस में मुकदमा दर्ज कराया। गुरुवार को एसपी हाथरस के निर्देश पर साइबर थाना पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी संजय कुमार राणा को पश्चिम बंगाल के संतोषपुर क्षेत्र से दबोच लिया। आरोपी हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा का मूल निवासी है और पूर्व में भारतीय सेना में भी रह चुका है। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वह मर्चेंट नेवी में नौकरी का झांसा देकर युवाओं से मोटी रकम वसूलता था और फिर उन्हें थाईलैंड–म्यांमार के साइबर फ्रॉड नेटवर्क को सौंप देता था। आरोपी के अनुसार डेटिंग ऐप्स के जरिए भारतीय और विदेशी नागरिकों को फंसाकर ठगी की जाती थी तथा साइबर स्लेव्स को दूसरी कंपनियों को भी बेचा जाता था। एसपी चिरंजीव नाथ सिंहा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी से विस्तृत पूछताछ की जा रही है और उसके अंतरराज्यीय नेटवर्क की कड़ियां खंगाली जा रही हैं। आरोपी के खिलाफ एटा आदि जनपदों में भी साइबर अपराध से संबंधित मुकदमे दर्ज हैं।











