सिकंदराराऊ (हसायन) 17 नवम्बर । सर्दियों के मौसम में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का समय बदलने के बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण देहात क्षेत्र के कई प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर न तो चिकित्सक समय पर पहुंच रहे हैं और न ही आवश्यक स्वास्थ्य कर्मचारी। इसी क्रम में महौं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सोमवार 17 नवंबर को सुबह का हाल बेहद खराब दिखाई दिया, जब सुबह 10 बजे से लेकर 10:30 बजे तक स्वास्थ्य विभाग का कोई भी जिम्मेदार कर्मचारी केंद्र पर मौजूद नहीं था। करीब पौने 11 बजे एक स्वास्थ्य कर्मचारी पहुंचा और दवा वितरण कक्ष खोलकर सफाई में लग गया, जबकि मरीज बाहर पर्चे हाथ में लिए दवा का इंतजार करते नजर आए।
महौं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर महौं गांव के अलावा लगभग बीस गांवों के ग्रामीण इलाज, परीक्षण और दवा के लिए निर्भर हैं। इनमें रसूलपुर, राजनगर, हिम्मतपुर, महासिंपुर, नगला मया, मौहब्बतपुरा, कैंशोपुर, कुंडा, बरवाना, बौनई समेत कई गांव शामिल हैं। ग्रामीणों का कहना है कि केंद्र की यह स्थिति कोई नई नहीं है, बल्कि अक्सर ही मरीजों को देरी और कर्मचारियों की गैरहाजिरी से जूझना पड़ता है। सोमवार को भी एक चिकित्सक स्तर का कर्मचारी पौने 11 बजे पहुंचकर मरीजों को परामर्श और पर्चे लिखता हुआ दिखाई दिया, जबकि अन्य कर्मचारी नदारद रहे। स्वास्थ्य सेवाओं की इसी बदहाली को देखते हुए कुछ दिन पहले कार्यवाहक कार्य प्रभारी सीएमओ डॉ. राजीव रॉय ने रात में महौं स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण किया था, जहां उन्हें प्रभारी चिकित्साधिकारी सहित एक और चिकित्सक अनुपस्थित मिले थे। निरीक्षण में मिली अनियमितताओं के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। केंद्र पर दवाओं, संसाधनों और कर्मचारियों की कमी के कारण ग्रामीणों को समय पर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। इस संबंध में प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. साहब सिंह ने बताया कि जो भी कर्मचारी समय से उपस्थित नहीं थे, उनके खिलाफ नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सर्दी के मौसम में सभी स्वास्थ्य कर्मियों को सुबह 10 बजे तक केंद्र पर उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं। केंद्र पर तैनात तीन फार्मासिस्टों में से एक प्रशिक्षण पर है, एक एक्स-रे ड्यूटी पर लगाया गया है और एक कैंप ड्यूटी पर गया था, जिसकी देरी संभव है। उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।












