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सासनी 15 नवंबर । विद्यापीठ इंटर कॉलेज में प्रधानाचार्य डॉ. राजीव कुमार अग्रवाल के निर्देशन में शनिवार को जनजातीय गौरव पखवाड़ा के अंतर्गत भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानाचार्य व सभी शिक्षकों द्वारा बिरसा मुंडा के चित्र पर माल्यार्पण कर की गई। प्रधानाचार्य डॉ. राजीव कुमार अग्रवाल ने कहा कि जनजातीय गौरव दिवस का उद्देश्य भगवान बिरसा मुंडा के जीवन, उनके आदर्शों और जनजातीय समाज की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित रखना है। उन्होंने बताया कि बिरसा मुंडा ने अपने अल्प जीवन में समाज को नई दिशा दी। मुख्य अतिथि विश्वास भगत ने अपने संबोधन में कहा कि भगवान बिरसा मुंडा ने संघर्ष और साहस से समाज को संगठित किया। हमें भी उनके आदर्शों पर चलते हुए समाज को बेहतर बनाने की दिशा में कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आयोजन जनजातीय समाज की संस्कृति और परंपरा को नई पहचान देने वाला है। विद्यालय शिक्षक राजीव कुमार ने बताया कि बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के उलीहातु गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम सुगना मुंडा और माता का नाम करमी था। शिक्षक संजय कुमार ने कहा कि बिरसा मुंडा का जीवन मात्र 25 वर्ष का रहा, फिर भी अंग्रेजों की सत्ता उनके संघर्ष से भयभीत रहती थी। उन्होंने अपने दम पर आदिवासी समाज को संगठित कर अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह की नींव रखी। शिक्षक मुकेश दिवाकर ने कहा कि सभी मनुष्य समान हैं, जात-पात का भेदभाव खत्म होना चाहिए। उन्होंने बिरसा मुंडा के प्रसिद्ध उद्धरण “जंगल और जमीन हमारी है, इसे किसी को नहीं देने देंगे” को दोहराते हुए कहा कि यह वाक्य आदिवासियों के अधिकारों और प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा का प्रतीक है। कार्यक्रम में कक्षा 9 की छात्राओं द्वारा बिरसा मुंडा पर प्रभावशाली भाषण प्रस्तुत किया गया, जिसे सभी ने सराहा। इस अवसर पर शिक्षक संजय कुमार, राजीव कुमार, भारत सिंह, प्रियंका, विनय कुमार, नीरज गुप्ता, अशोक कुमार, महेंद्र प्रकाश सैनी, हनी वशिष्ठ, शिवम कुशवाहा, सतीश कुमार, जितेंद्र कुशवाहा सहित सैकड़ों छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।

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