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हाथरस (मुरसान) 13 नवम्बर । क्षेत्र के गांव अहरई निवासी खजान सिंह ने एक एएनएम और आशा व संगनी पर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। खजान सिंह का कहना है कि जबरन प्रसव के प्रयास के कारण उनकी पुत्रवधू अंजू के गर्भ में पल रहे नवजात की मौत 4 नवंबर को करील के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर हुई थी। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने एएनएम कुसुम लता का तबादला सहपऊ कर दिया गया है, आशा महेंद्री और संगिनी राधा के खिलाफ चेतावनी पत्र जारी करते हुए संबंधित कार्रवाई की जा रही है। बृहस्पतिवार को पुलिस ने आशा महेंद्री के बयान भी दर्ज किए हैं। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि एक संगिनी का सादाबाद-मुरसान मार्ग पर एक निजी अस्पताल भी चलता है। जो कि मुरसान सीएचसी के कुछ दुरी पर है। उनका कहना है कि संगिनी मरीजों को फुसलाकर वहां ले जाती है, उनसे अवैध वसूली करती है और सरकारी दवाओं से उनका उपचार करती है। खजान सिंह का कहना है कि 4 नवंबर की दोपहर उनकी पुत्रवधू अंजू को प्रसव पीड़ा हुई थी। गांव की आशा ने एंबुलेंस बुलाई और अंजू को मुरसान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। लेकिन अंजू को एंबुलेंस से नहीं उतारा गया और उसी एंबुलेंस से करील के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भेज दिया गया। आरोप है कि करील पीएचसी पर संगिनी और एएनएम ने जबरन प्रसव कराने का प्रयास किया। खजान सिंह का आरोप है कि इसी दौरान अंजू के गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई। आरोप है कि 3 नवंबर को आशा और संगिनी अंजू को सादाबाद रोड मुरसान स्थित अपने घर ले गई थीं। वहां 2000 रुपये लेने के बाद उनका उपचार किया। अगले दिन प्रसव कराने से पहले एएनएम ने उनके बेटे हरदौल से प्रसव के नाम पर 7000 रुपये जमा करा लिए। आरोप है कि पैसे न देने पर दोनों ने प्रसव करने से इनकार किया था। पीड़ित परिवार का आरोप है कि प्रसव के लिए उनकी पुत्रवधू के पेट पर जबरन दबाव डाला गया। जिससे बच्चे की मौत हुई है और अंजू के पेट पर चोट आई हैं।

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