
हाथरस 13 नवम्बर। जिला कृषि अधिकारी निखिल देव तिवारी ने बताया कि जनपद में डीएपी का नवंबर माह तक 16577 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 16637 मीट्रिक टन की आपूर्ति की जा चुकी है, जिसमें से 12966 मीट्रिक टन का वितरण हुआ है तथा 3671 मीट्रिक टन डीएपी शेष है। वहीं यूरिया का अक्टूबर माह तक 15902 मीट्रिक टन लक्ष्य के सापेक्ष 29107 मीट्रिक टन की आपूर्ति की गई है, जिसमें से 8127 मीट्रिक टन का वितरण हो चुका है तथा 20980 मीट्रिक टन यूरिया अवशेष है। कृषि अधिकारी ने किसानों से अपील की है कि उर्वरक खरीदते समय आधार कार्ड और जमीन की खतौनी की प्रति साथ लेकर जाएं। सभी उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि स्टॉक बोर्ड पर उपलब्ध उर्वरक का विवरण और दरें अंकित करें, स्टॉक व बिक्री रजिस्टर प्रतिदिन पूर्ण करें तथा उर्वरक की बिक्री पॉस मशीन के माध्यम से ही करें। किसानों की जोत के अनुसार ही उर्वरक उपलब्ध कराएं और उनकी मांग के अनुसार नेनो यूरिया, नेनो डीएपी, जिंक, जाइम, सल्फर व माइक्रोन्यूट्रिएंट जैसे उत्पाद उपलब्ध कराएं। निर्धारित दर से अधिक बिक्री या अन्य उत्पादों की टैगिंग करने पर विक्रेताओं के खिलाफ उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। जनपद के सभी राजकीय कृषि बीज भंडारों पर गेंहूं प्रमाणित बीज की प्रजातियां डीबीडब्ल्यू 187, डीबीडब्ल्यू 303, डीबीडब्ल्यू 327, डब्ल्यूएच 1270 (दर 4680 रु/कु.), राई/सरसों की प्रजाति पीएम 32 (दर 10847 रु/कु.), चना प्रजाति आरवीजी 204 व आरवीजी 202 (दर 10320 रु/कु.), मसूर की प्रजाति कोटा मसूर-3 (दर 11050 रु/कु.) और मटर की प्रजाति आईपीएफडी 12-2 (दर 7093 रु/कु.) उपलब्ध हैं। इन बीजों पर 50 प्रतिशत या योजना अनुसार अनुदान दिया जा रहा है। बीज का वितरण पंजीकृत किसानों को पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर पॉस मशीन द्वारा बायोमेट्रिक प्रक्रिया से किया जा रहा है। बीज या उर्वरक से संबंधित किसी भी समस्या के समाधान के लिए किसान जिला कृषि अधिकारी कार्यालय के कंट्रोल रूम नंबर 9410692851, 8126556290 एवं 9410290381 पर संपर्क कर सकते हैं।












