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हाथरस 09 नवंबर । हाथरस जिला अस्पताल में आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ होने के बावजूद, प्रशिक्षित स्टाफ और विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी मरीजों पर भारी पड़ रही है। हाल ही में लगभग 50 लाख रुपये की लागत से तैयार हुआ मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर और आईसीयू वार्ड सिर्फ कागजों में ही चालू हैं। छह आधुनिक वेंटिलेटर भी महीनों से एक कमरे में बंद पड़े हैं। करोड़ों की मशीनें धूल फांक रही हैं, लेकिन उनका फायदा जनता तक नहीं पहुँच पा रहा। प्रशिक्षित स्टाफ और विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी ने स्वास्थ्य सेवाओं को चरमराकर रख दिया है। अस्पताल में वेंटिलेटर का संचालन करने के लिए न तो डॉक्टर हैं और न ही टेक्नीशियन। ओटी टेक्नीशियन के पद के साथ—14 वार्ड आया, 20 वार्ड बॉय और 12 चपरासी के पद भी खाली पड़े हैं। अस्पताल में 25 डॉक्टरों के पद स्वीकृत हैं, लेकिन तैनाती सिर्फ 12 की ही है। जनरल सर्जन, एनेस्थिसियोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट सहित प्रमुख विशेषज्ञों के पद पूरी तरह खाली हैं। प्रभारी मंत्री बेबीरानी मौर्य अस्पताल में स्टाफ की कमी दूर कराने का आश्वासन देकर गई हैं, लेकिन तैनाती कब होगी, यह अभी भी अधर में है। सड़क हादसों की दृष्टि से संवेदनशील जिले में ट्रॉमा सेंटर की सुविधा न होना बड़ी उपेक्षा को दर्शाता है। डीएम अतुल वत्स ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक कर स्थिति का विस्तृत निरीक्षण होगा और शासन स्तर पर इसे प्राथमिकता के साथ निस्तारित कराया जाएगा।

 

 

 

 

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