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हाथरस 07 नवम्बर । कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी हाथरस श्री अतुल वत्स ने चकबंदी विभाग द्वारा जनपद में किए जा रहे कार्यों की प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को सभी लंबित वादों का सुचितापूर्ण एवं निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत निस्तारण सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने धारा 07 (भूचित्र का पुनरीक्षण), धारा 08 (पड़ताल स्तर), धारा 09 (विनिमय अनुपात निर्धारण), धारा 10 (पुनरीक्षित वार्षिक रजिस्टर का निर्माण), स्वत्व संबंधी अवशेष वादों के निस्तारण, धारा 20 (प्रारंभिक चकबंदी योजना का निर्माण एवं प्रकाशन), धारा 23 (चकबंदी योजना का पुष्टीकरण), चक संबंधी वादों के निस्तारण, धारा 24 (कब्जा परिवर्तन), धारा 27 (अंतिम अभिलेख की तैयारी), तथा धारा 48(1) एवं 48(3) से संबंधित वादों की स्थिति की समीक्षा की। साथ ही धारा 52 के प्रख्यापन के स्तर पर लंबित ग्रामों के कार्यों की भी समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि चकबंदी प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य भूमि विवादों का समाधान कर ग्रामीणों को स्थायी राहत प्रदान करना है। इसलिए शिकायतों का पारदर्शी एवं न्यायोचित तरीके से निस्तारण किया जाए, ताकि जनता का विभाग पर विश्वास बना रहे। ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ ही ऐसे प्रकरणों को प्राथमिकता दी जाए जो जानकारी के अभाव में लंबित रह जाते हैं। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि चकबंदी में शामिल ग्राम पंचायतों का सत्यापन कराया जाए, अस्थायी कब्जों को तत्काल हटाया जाए तथा स्थायी कब्जों के प्रकरणों में नोटिस जारी कर कब्जा मुक्त कराया जाए। साथ ही, पुराने चकबंदी वाले गांवों में शीघ्र कब्जा परिवर्तन की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए, जिससे किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि निर्धारित टाइमलाइन के अनुसार कार्य न करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बैठक में अपर जिलाधिकारी (न्यायिक), बंदोबस्त अधिकारी (चकबंदी), चकबंदी अधिकारी, सहायक चकबंदी अधिकारी सहित संबंधित अधिकारी मौजूद रहे।

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