
हाथरस 04 नवंबर । गोवा से थार लेने गए हाथरस के गांव कोरना निवासी कपिल चौधरी का शव छह दिन बाद घर पहुंचने पर चीख-पुकार मच गई। 3 नवंबर को पिता श्रीनिवास ने नम आंखों से बेटे को मुखाग्नि दी। उन्होंने बताया कि कपिल के शरीर का कोई हिस्सा ऐसा नहीं था जहां चोट के निशान न हों। आंख, सिर, चेहरा, छाती, पीठ, हाथ-पांव हर जगह डंडों से बेरहमी से मारपीट की गई थी। पिता का आरोप है कि 27 अक्टूबर की रात कपिल के ही फोन से आरोपियों ने कॉल कर खुद को गोवा पुलिस बताकर वाहन चोरी में पकड़े जाने की बात कही और रुपये लेकर गोवा आने का दबाव बनाया। आखिरी बार 8:10 बजे बात हुई थी—कपिल के अंतिम शब्द थे, “पापा पैसे ले आओ…” इसके बाद फोन बंद हो गया। पिता ने मोबाइल की अंतिम लोकेशन के आधार पर 31 अक्टूबर को कोलवले थाने पहुंचकर जांच शुरू कराई, लेकिन पुलिस ने पहले किसी अज्ञात शव की जानकारी नहीं दी। फोटो दिखाने पर पुलिस मोर्चरी ले गई जहां कपिल का शव मिलने की पुष्टि हुई। श्रीनिवास की तहरीर पर लूट व हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पिता के अनुसार गोवा का एक “अंकल” जिससे कपिल मुंबई-गोवा यात्रा के दौरान संपर्क में था, उसने मदद से इनकार कर संदेह बढ़ा दिया है। पुलिस ने कार रेंट कंपनी से जुड़े गुरुदत्त लवांडे, उसके साथी डाइसन एग्रेलो और सूरज जोतीश ठाकुर को गिरफ्तार किया है जबकि दो आरोपी अभी फरार हैं। परिजनों ने आरोप लगाया कि कपिल की चोटों के निशान की फोटो और वीडियो बनाने नहीं दिए गए और पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जानकारी भी नहीं दी गई है। परिवार अब उच्चस्तरीय जांच और दोषियों के कड़ी सज़ा की मांग कर रहा है।










