
हाथरस 04 नवंबर । सत्र न्यायालय हाथरस ने राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ दायर दांडिक निगरानी याचिका को निरस्त कर दिया है। यह याचिका राणा सांगा के संबंध में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दायर की गई थी। गांव हतीसा निवासी मतेंद्र सिंह गहलोत ने आरोप लगाया था कि सांसद रामजीलाल सुमन ने संसद में राणा सांगा को ‘गद्दार’ कहकर अपमानित किया, जिसकी पुष्टि उन्होंने 22 मार्च 2025 को सोशल मीडिया पर भी की थी। शिकायतकर्ता के अनुसार यह बयान सामाजिक सौहार्द और जातीय ताने-बाने को प्रभावित करने वाला है। पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज न किए जाने पर गहलोत ने अदालत की शरण ली थी और सांसद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। इस पर कोर्ट ने जांच की जिम्मेदारी हाथरस के सीओ सिटी को सौंपी थी। जांच रिपोर्ट में कहा गया कि सांसद का बयान संसदीय विशेषाधिकार के दायरे में आता है और घटना का हाथरस से प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। इस आधार पर अपर सिविल जज (वरिष्ठ प्रभाग) ने याचिका को पहले ही खारिज कर दिया था। इसी आदेश के खिलाफ दायर दांडिक निगरानी प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए सत्र न्यायाधीश विनय कुमार तृतीय ने भी आदेश को बरकरार रखा और निगरानी याचिका को निरस्त कर दिया। इस मामले में सांसद सुमन की ओर से अधिवक्ता रामराज सिंह, बृजमोहन राही एवं लल्लन बाबू ने पैरवी की।










